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Solar Eclipse 2025: सूर्य ग्रहण 2025 कब लगेगा, सूतक काल की पूरी जानकारी

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 20 September 2025, 7:24 am IST
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सूर्य ग्रहण 2025 कब लगेगा, सूतक काल की पूरी जानकारी

Solar Eclipse 2025: अगर आप खगोल विज्ञान के शौकीन हैं या हिंदू परंपराओं के अनुसार ग्रहण के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है। कल यानी 21 सितंबर 2025 को साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण होने वाला है। लेकिन सवाल यह है कि यह ग्रहण कब लगेगा, कहां दिखाई देगा और भारत में सूतक काल लागू होगा या नहीं? आइए सरल भाषा में समझते हैं, जैसे दोस्तों से बात कर रहे हों। हम यहां वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों पहलुओं को कवर करेंगे, ताकि आपको पूरी जानकारी मिले।

सूर्य ग्रहण क्या होता है What is a Solar Eclipse

सबसे पहले बेसिक बात। सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूरज और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूरज की रोशनी को आंशिक या पूरी तरह से रोक देता है। इस बार यह आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) है, यानी चंद्रमा सूरज को पूरी तरह नहीं ढकेगा, बल्कि सिर्फ कुछ हिस्से को। वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह घटना खगोलीय दृष्टि से रोमांचक होती है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं में इसे अशुभ माना जाता है।

सूर्य ग्रहण 2025 कब है ?

यह ग्रहण 21 सितंबर 2025 को रविवार के दिन लगेगा। भारतीय समयानुसार (IST), यह रात 10:59 बजे शुरू होगा, पीक टाइम यानी सबसे ज्यादा प्रभाव रात 1:11 बजे (22 सितंबर को) होगा और सुबह 3:23 बजे खत्म होगा। कुल मिलाकर यह करीब 4 घंटे 24 मिनट तक चलेगा। वैश्विक समय (UTC) में देखें तो यह दोपहर बाद शुरू होता है, लेकिन भारत में रात का समय होने से यहां सूरज पहले ही डूब चुका होगा। अगर आप इसे देखना चाहें, तो ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग या वेधशालाओं की तस्वीरों का सहारा ले सकते हैं।

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कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण 2025

दुर्भाग्य से, यह ग्रहण भारत में बिल्कुल नहीं दिखाई देगा। वजह? भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, अफगानिस्तान जैसे एशियाई देशों में यह दृश्यमान नहीं होगा। न ही यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका या दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों में। यह मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्ध में दिखेगा, जैसे दक्षिण प्रशांत महासागर, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और पूर्वी ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में।

न्यूजीलैंड के ऑकलैंड, क्राइस्टचर्च, वेलिंगटन या ऑस्ट्रेलिया के सिडनी, होबार्ट जैसे शहरों में लोग इसे देख सकेंगे। अंटार्कटिका के कुछ इलाकों में तो सूरज का 85% हिस्सा ढक जाएगा, जो काफी प्रभावशाली होगा! भारत में सूरज डूबने के बाद ग्रहण शुरू होगा, इसलिए यहां से देखना असंभव है।

सूतक काल क्या है और कब लगेगा?

अब बात सूतक काल की, जो हिंदू धर्म में ग्रहण से जुड़ी एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। सूतक काल वह अशुभ समय होता है जब लोग पूजा-पाठ, खाना बनाना या महत्वपूर्ण कामों से बचते हैं। सूर्य ग्रहण के लिए सूतक आमतौर पर ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले लगता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि भारत में इस बार सूतक काल लागू नहीं होगा! क्यों? क्योंकि हिंदू शास्त्रों के अनुसार, सूतक केवल तब मान्य होता है जब ग्रहण आपके इलाके में दिखाई दे।

चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिख रहा, इसलिए कोई सूतक नहीं। आप सामान्य रूप से अपने काम कर सकते हैं, पूजा कर सकते हैं और खाना खा सकते हैं। हालांकि, कुछ लोग सावधानी के तौर पर ग्रहण के समय दान-पुण्य या मंत्र जाप करते हैं, लेकिन यह वैकल्पिक है।

ग्रहण का महत्व और सावधानियां

धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण को सूर्य देव की ऊर्जा में कमी के रूप में देखा जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को घर में रहने, तेज चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। लेकिन चूंकि भारत में नहीं दिख रहा, ज्यादा चिंता की बात नहीं। वैज्ञानिक रूप से, ग्रहण देखते समय हमेशा स्पेशल ग्लासेस या फिल्टर्स का इस्तेमाल करें, वरना आंखों को नुकसान हो सकता है। अगर आप उत्सुक हैं, तो NASA या भारतीय वेधशालाओं की वेबसाइट पर लाइव अपडेट देखें।

अगला सूर्य ग्रहण कब ?

भारत में अगला सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2027 को दिखाई देगा, जो भी आंशिक होगा और शाम के समय होगा। तब तक, इस ग्रहण की तस्वीरें और वीडियो एंजॉय करें!

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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