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उत्तराखंड चुनाव आयोग की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 2 लाख का जुर्माना

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 26 September 2025, 10:25 pm IST
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उत्तराखंड चुनाव आयोग की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 2 लाख का जुर्माना

Uttarakhand news: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की एक याचिका को सिरे से खारिज कर दिया है। कोर्ट ने न सिर्फ याचिका ठुकराई, बल्कि आयोग पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोंका। यह मामला पंचायत चुनावों से जुड़ा है, जहां आयोग ने एक ऐसा सर्कुलर जारी किया था, जो कानून के खिलाफ माना गया।

उत्तराखंड चुनाव आयोग पर लगा जुर्माना

दरअसल, नैनीताल हाईकोर्ट ने पहले आयोग के इस सर्कुलर पर रोक लगा दी थी। सर्कुलर में कहा गया था कि अगर किसी उम्मीदवार का नाम एक से ज्यादा वोटर लिस्ट में दर्ज है, तो भी वह पंचायत चुनाव लड़ सकता है। हाईकोर्ट ने इसे उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम, 2016 के खिलाफ बताया। कोर्ट का कहना था कि कानून साफ-साफ कहता है कि किसी व्यक्ति का नाम एक से ज्यादा मतदाता सूचियों या निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं हो सकता। यह एक सख्त नियम है, और आयोग का स्पष्टीकरण इस नियम को तोड़ने जैसा लगता है।

हाईकोर्ट ने अधिनियम की धारा 9(6) और 9(7) का हवाला देते हुए सर्कुलर पर पूरी तरह रोक लगा दी और कहा कि इसके आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। आयोग ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, लेकिन वहां भी उनकी एक न चली।

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गुरुवार को जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने सुनवाई की। जस्टिस नाथ ने आयोग के वकील से सख्त सवाल पूछा, “आप कानून के खिलाफ कैसे फैसला ले सकते हैं?” बेंच ने याचिका खारिज करते हुए आयोग को चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी गलतियां न दोहराएं।

यह फैसला पंचायत चुनावों की पारदर्शिता के लिए अहम माना जा रहा है। कई याचिकाओं में शिकायत थी कि ऐसे उम्मीदवारों को अनुमति देकर चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी हो रही थी। अब आयोग को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना होगा, और उम्मीदवारों के नाम की जांच सख्ती से होगी।

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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