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बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद, 21 नवंबर से शुरू होंगी पंच पूजाएं

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 3 October 2025, 8:09 am IST
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बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद, 21 नवंबर से शुरू होंगी पंच पूजाएं

विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट इस वर्ष मंगलवार, 25 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। कपाट बंद करने की प्रक्रिया के तहत 21 नवंबर से पंच पूजाओं का शुभारंभ होगा। विजय दशमी के पावन अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी की उपस्थिति में आयोजित भव्य धार्मिक समारोह में यह घोषणा की गई।

बदरीनाथ धाम के कपाट होंगे बंद

मंदिर परिसर में संपन्न समारोह में बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, सदस्य, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, हक-हकूकधारियों, तीर्थ पुरोहितों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। रावल अमरनाथ नंबूदरी ने कपाट बंद की तिथि की औपचारिक घोषणा की। इससे पूर्व, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेदपाठी रविंद्र भट्ट और अमित बंदोलिया ने पंचांग गणना के आधार पर तिथि का निर्धारण किया।

बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने समारोह के दौरान 2026 के लिए हक-हकूकधारियों को पगड़ी भेंट की तथा विभिन्न थोंकों के पदाधिकारियों को सम्मानित किया। भंडारी थोक से मनीष भंडारी, मेहता थोक से महेंद्र सिंह मेहता एवं दिनेश भट्ट, तथा कमदी थोक से कुलभूषण पंवार को पगड़ी प्रदान की गई। अपने संबोधन में द्विवेदी ने तीर्थयात्रियों और हक-हकूकधारियों को बधाई देते हुए कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भी यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने सभी से बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा में भाग लेने की अपील की।

14 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया दर्शन

उन्होंने बताया कि मानसून की आपदा के बावजूद वर्तमान तक 14 लाख 20 हजार 357 से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन किए हैं, जबकि 16 लाख 2 हजार 420 से अधिक ने केदारनाथ धाम के दर्शन पूर्ण किए। कुल मिलाकर दोनों धामों में 30 लाख 22 हजार 777 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ उठाया है। द्विवेदी ने कहा कि आपदा के बाद यात्रा के दूसरे चरण के लिए अभी एक माह का समय शेष है, और सभी तैयारियां पूर्ण हैं।

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कपाट बंद की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण देते हुए बताया गया कि पंच पूजाओं का प्रारंभ 21 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा से होगा, जिसके शाम को उनके कपाट बंद कर दिए जाएंगे। 22 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे। तीसरे दिन, 23 नवंबर को खड्ग-पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन समाप्त होगा। चौथे दिन, 24 नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढाई भोग चढ़ाया जाएगा। अंत में, 25 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर मुख्य कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।

26 नवंबर को श्री कुबेर जी, उद्धव जी, रावल जी तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी शीतकालीन प्रवास के लिए पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ रवाना होगी। इन पूजाओं का संचालन रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेदपाठी रविंद्र भट्ट करेंगे।

अन्य धामों के कपाट बंद होने की तिथि

उल्लेखनीय है कि चार धाम यात्रा के अन्य धामों के कपाट भी शीघ्र बंद हो रहे हैं। श्री केदारनाथ धाम तथा श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज (23 अक्टूबर) को, जबकि श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट एवं गोवर्धन पूजा (22 अक्टूबर) के अभिजीत मुहूर्त में बंद होंगे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 18 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 6 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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