August 20, 2025
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पंचकोसी वारुणी यात्रा 2025 कब है? Varuni Yatra 2025 Date

ज्ञाणजा स्थित मां ज्वाला का मंदिर

उत्तरकाशी जिले में प्रतिवर्ष चैत्र मास की त्रयोदशी को होने वाली प्रसिद्ध पंचकोसी वारुणी यात्रा इस साल 27 मार्च को होगी। इस यात्रा के तहत वरुणावत पर्वत की 15 किमी पैदल परिक्रमा की जाती है।

वारुणी पंचकोसी यात्रा क्या है?

उत्तरकाशी में Varuni Yatra का अपना अलग ही महत्व है। मान्यता है कि इस यात्रा को करने ने अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। इसके अलावा लगभग 15 किमी की इस पैदल यात्रा में श्रद्धालु आस्था के साथ प्रकृति की सुंदरता का लुत्फ भी उठाते हैं। बांज-बुंरास के जंगलों के बीच से गुजरते इस रास्ता से अलग ही सुकून मिलता है वहीं शिखिलेश्वर मंदिर से चारों और हिमालय की बर्फ से लदी चोटियां देखने को मिलती है।

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यात्रा का मार्ग

पंचकोसी वारुणी यात्रा की शुरुआत उत्तरकाशी के बडेथी से होती है। जहां श्रद्धालु पौराणिक मर्णिकर्णिका घाट या बडेथी में वरुणा नदी और गंगा भागीरथी के संगम पर स्नान करते हैं। यह यात्रा सुबह चार बजे से शुरू हो जाती है। 15 किमी पैदल यात्रा में कुछ श्रद्धालु नंगे पैर तो कुछ श्रद्धालु व्रत रखकर इस यात्रा को शुरू करते हैं। जिसके बाद यह यात्रा बसुंगा, साल्ड, ज्ञाणजा के बाद वरुणावत के शीर्ष पर पहुंचती है और फिर संग्राली, पापा होते हुए गंगोरी में अस्सी गंगा और भागीरथी के संगम पर पहुंचती है।

श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क जलपान की व्यवस्था

पंचकोसी वारुणी यात्रा में पड़ने वाले मंदिरों में आस-पास के गांवों के ग्रामीणों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क जलपान की व्यवस्था की जाती है और अतिथि देवो भव की परंपरा को निभाते हुए श्रद्धालुओं की सेवा करते हैं।

पंचकोसी वारुणी यात्रा 2025 कब है? Varuni Yatra 2025 Date
ज्ञाणजा गांव में श्रद्धालुओं को जलपान कराते युवक

पंचकोसी वारुणी यात्रा 2025 कब है

इस साल VARUNI YATRA 27 मार्च को होगी। इस मौके पर श्रद्धालु हर गांव के मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। इस दिन सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक और पूजा अर्चना का सिलसिला शाम तक जारी रहता है।