स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप सिंह की रहस्यमयी मौत ने पूरे उत्तराखंड को हिला दिया है। उनकी पत्नी मुस्कान, जो जनवरी में उनसे शादी करके आई थीं, आज सात महीने की गर्भवती हैं। आंसुओं से भरी आंखों में दर्द छिपाए हुए वे कहती हैं, “मेरी जिंदगी अभी शुरू ही हुई थी, लेकिन इन लोगों ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।”
जोशियाडा बैराज में मिला शव
राजीव प्रताप सिंह (36 वर्ष) उत्तराखंड के एक चर्चित डिजिटल पत्रकार थे। वे यूट्यूब चैनल ‘दिल्ली उत्तराखंड लाइव’ चलाते थे, जहां वे स्थानीय मुद्दों पर खबरें लाते थे। 18 सितंबर की रात करीब 11 बजे वे उत्तरकाशी में लापता हो गए। 19 सितंबर को लापता होने की रिपोर्ट दर्ज हुई। नौ दिनों की तलाश के बाद 28 सितंबर को उनका शव भागीरथी नदी के जोशीयाड़ा बैराज के पास मिला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में छाती और पेट में आंतरिक चोटें पाई गईं।
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पत्रकार राजीव की पत्नी ने बयां किया दर्द
मस्कान का दर्द सुनकर कोई भी भावुक हो जाए। वे कहती हैं, “जनवरी में शादी हुई थी, नौ महीने ही तो बीते हैं। मैं सात महीने की गर्भवती हूं। सरकार से अपील है कि मेरे पति को न्याय मिले। पूरी जांच होनी चाहिए। मैं विनम्रता से कहती हूं कि सरकार और जनता हमें इस मुश्किल वक्त में सहारा दें। जांच पारदर्शी और गहन हो। अभी तक जो हुआ, उससे मैं पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं। अब एसआईटी बन गई है, तो दोषियों को सजा मिलनी चाहिए सख्त से सख्त। आज इन लोगों की वजह से मेरी खुशहाल जिंदगी बर्बाद हो गई…”
परिवार का शक है कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि साजिश हो सकती है। राजीव को उनके यूट्यूब वीडियो के चलते धमकियां मिल रही थीं। वे एक अस्पताल और स्कूल से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे, जिससे कुछ लोग नाराज थे। आखिरी कॉल के बाद उनका फोन बंद हो गया। सीसीटीवी फुटेज में उन्हें 11:39 बजे गंगोरी पुल पार करते दिखाया गया।
परिवार को संदेह
उत्तराखंड पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। डीजीपी दीपम सेठ ने डिप्टी एसपी उत्तरकाशी के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की है। एसपीटी सारी परिस्थितियों की पड़ताल करेगी। परिवार के वकील और चाचा किरपाल सिंह कहते हैं, “राजीव का फोन मिल जाए, तो सच्चाई सामने आ जाएगी। हमें लगता है कि उन्हें अगवा किया गया।”