Almora News: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित चौखुटिया एक छोटा-सा कस्बा है, जहां की हरी-भरी वादियां और शांत जीवन लोगों को आकर्षित करता है। लेकिन इन दिनों यहां की सड़कें गुस्से और उम्मीद से भरी हुई हैं। स्थानीय लोग स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए ‘ऑपरेशन स्वास्थ्य’ नाम से एक बड़ा आंदोलन चला रहे हैं। यह आंदोलन 2 अक्टूबर 2025 से शुरू हुआ और अब 14वें दिन में पहुंच चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, दवाओं का अभाव और एम्बुलेंस जैसी बुनियादी चीजों की कमी से लोगों की जान पर बन आई है।
14 अक्टूबर 2025 को एक बुजुर्ग व्यक्ति को सीने में दर्द हुआ, लेकिन चौखुटिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एम्बुलेंस नहीं मिली। परिवार को मजबूरन निजी वाहन से अल्मोड़ा ले जाना पड़ा, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। उनकी 16 साल की बेटी की गोद में उन्होंने आखिरी सांस ली।
चौखुटिया में ऑपरेशन स्वास्थ्य आंदोलन की अगुवाई पूर्व सैनिक भुवन चंद्र कठायत कर रहे हैं, जो कई दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं। उनकी सेहत बिगड़ने पर उन्हें हल्द्वानी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा।
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चौखुटिया में ऑपरेशन स्वास्थ्य आंदोलन को लेकर ग्रामीणों की मांग
आंदोलनकारी सीएचसी को उप जिला अस्पताल में बदलने, विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती, पर्याप्त दवाएं, एक्स-रे मशीन, आईसीयू और एम्बुलेंस की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं इतनी कमजोर हैं कि छोटी-सी बीमारी भी जानलेवा बन जाती है। लोगों को अल्मोड़ा या हल्द्वानी जैसे दूर के शहरों में रेफर किया जाता है, जहां पहुंचने में घंटों लग जाते हैं।
15 अक्टूबर 2025 को चौखुटिया में एक बड़ी जन आक्रोश रैली निकली, जिसमें नौजवान, महिलाएं, बुजुर्ग और पूर्व सैनिक शामिल हुए। बाजार बंद रहा और हजारों लोग सड़कों पर उतरे। लोकगायक रमेश बाबू गोस्वामी ने जनगीतों से लोगों की पीड़ा को आवाज दी।
सरकार की प्रतिक्रिया
आंदोलन की गूंज अब देहरादून तक पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य सचिव को चौखुटिया में सुविधाएं सुधारने के निर्देश दिए हैं। हाल ही में उन्होंने सीएचसी को 300 बेड वाले उप जिला अस्पताल में अपग्रेड करने की घोषणा की। लेकिन आंदोलनकारी कहते हैं कि सिर्फ घोषणाओं से काम नहीं चलेगा, जमीन पर बदलाव चाहिए। नैनीताल हाईकोर्ट में इस मामले पर जनहित याचिका भी दाखिल हो चुकी है।
क्यों जरूरी था यह आंदोलन
चौखुटिया का यह आंदोलन सिर्फ एक कस्बे की कहानी नहीं है। पूरे उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। ग्रामीणों को बुनियादी इलाज के लिए मीलों सफर करना पड़ता है। यह आंदोलन अन्य इलाकों के लिए भी मिसाल बन सकता है। सोशल मीडिया पर #ऑपरेशन_स्वास्थ्य ट्रेंड कर रहा है, जहां लोग अपनी कहानियां साझा कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो ऐसे आंदोलन अन्य क्षेत्रों में भी फैल सकते हैं।