दीवाली की रौनक अभी से ही हवा में घुलने लगी है, और इसी खुशी के मौके पर उत्तराखंड सरकार ने अपने वन कर्मियों को एक खास तोहफा दिया है। पहाड़ों की ऊंची चोटियों और घने जंगलों में दिन-रात ड्यूटी निभाने वाले इन बहादुर सिपाहियों को अब दुर्गम इलाकों में तैनाती पर आवासीय भत्ता मिलेगा। यह फैसला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिया है, जो वन विभाग के उन कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो दूर-दराज के क्षेत्रों में बिना बुनियादी सुविधाओं के रहते हैं।
उत्तराखंड वन कर्मियों को तोहफा
मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इसकी घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि इस भत्ते की रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार की जाए, ताकि इसे अमल में लाया जा सके। वन विभाग के वन रक्षक, वन दरोगा और उप वन क्षेत्राधिकारी जैसे कर्मचारी, जो उन जगहों पर तैनात हैं जहां न तो अच्छा स्कूल है, न अस्पताल, वहां अब उन्हें मकान किराए या अन्य आवास संबंधी खर्चों के लिए सरकारी मदद मिलेगी। यह कदम न सिर्फ उनकी आर्थिक तंगी कम करेगा, बल्कि उनके परिवारों को भी सुकून देगा।
उत्तराखंड के वन कर्मी तो जंगलों के सच्चे रक्षक हैं। वे न सिर्फ वन्यजीवों की हिफाजत करते हैं, बल्कि आग लगने, अवैध कटाई रोकने और पर्यावरण बचाने जैसे जोखिम भरे कामों में जुटे रहते हैं। लेकिन इन सबके बीच उनकी सबसे बड़ी मुश्किल होती है रहने की। कई बार तो वे टेंट या अस्थायी झोपड़ियों में गुजारा करते हैं, जहां बिजली-पानी जैसी बेसिक चीजें भी नसीब नहीं होती। सरकार ने उनकी इस परेशानी को समझा और अब आवासीय भत्ता देकर उन्हें सम्मान दिया है।
धामी सरकार ने समझा दर्द
सीएम धामी ने बैठक में कहा, “हमारे वन कर्मी राज्य के हरे-भरे जंगलों की ढाल हैं। उनकी मेहनत के बिना पर्यावरण की रक्षा मुश्किल है। इसलिए, जहां स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं न हों, वहां तैनात कर्मियों को आवासीय भत्ता देकर हम उनकी परेशानियां कम करना चाहते हैं।” यह फैसला न सिर्फ वन विभाग को मजबूत करेगा, बल्कि पूरे राज्य के पर्यावरण संरक्षण को नई गति देगा।
दिवाली का त्योहार तो उपहारों का है ही। इस बार वन कर्मियों के चेहरे पर दीये की रोशनी के साथ खुशी की चमक भी नजर आएगी। उम्मीद है कि रिपोर्ट जल्द तैयार होकर यह भत्ता दीवाली से पहले ही खातों में आ जाए। उत्तराखंड सरकार के इस कदम से न सिर्फ कर्मचारी उत्साहित हैं, बल्कि पूरा राज्य गर्व महसूस कर रहा है।