उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने 21 सितंबर को हुई ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा को रद्द कर दिया है। परीक्षा के दौरान चोरी-चोरी नकल करने और गड़बड़ी के कई मामले सामने आने के बाद आयोग ने यह कदम उठाया है। राज्य भर के युवाओं ने परीक्षा रद्द करने की मांग लंबे समय से कर रहे थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि कई सेंटरों पर नकल के बड़े-बड़े गिरोह सक्रिय थे, जिससे पूरी परीक्षा पर सवाल उठ गए।
इस मामले की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं को भरोसा दिलाया था कि उन्हें न्याय जरूर मिलेगा। उन्होंने साफ कहा था कि गुनहगारों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। अभी इसकी जांच एक खास टीम (SIT) कर रही है। अब सीएम धामी ने इसकी जांच सीबीआई से कराने के लिए प्रस्ताव भेज दिया है, ताकि पूरी सच्चाई बिना किसी दबाव के सामने आ सके।
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आयोग का कहना है कि परीक्षा का ईमानदारी और साफ-सुथरापन सबसे ऊपर है। इसलिए जांच पूरी होने तक नई परीक्षा की तारीख नहीं बताई जाएगी। इस फैसले से राज्य के उम्मीदवारों में एक तरफ उदासी है, तो दूसरी तरफ उम्मीद भी जागी है। कई युवा मानते हैं कि सीबीआई की जांच के बाद दोषियों पर सख्त सजा होगी और आगे ऐसी धांधली दोबारा न हो।