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उत्तराखंड में खत्म हुआ मदरसा बोर्ड: राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 7 October 2025, 3:44 pm IST
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उत्तराखंड में खत्म हुआ मदरसा बोर्ड: राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी

उत्तराखंड में लंबे समय से चली आ रही मदरसा शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने वाला है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटायर्ड) ने ‘उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक-2025’ को अपनी मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद राज्य में चल रहे सभी मदरसों को अब ‘उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण’ से मान्यता लेनी होगी। साथ ही, इन्हें उत्तराखंड बोर्ड (उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद) से जुड़ना पड़ेगा। इसका मतलब है कि पुराना मदरसा बोर्ड अब खत्म हो जाएगा।

उत्तराखंड में खत्म हुआ मदरसा बोर्ड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बदलाव को राज्य की शिक्षा प्रणाली को मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि जुलाई 2026 के सत्र से शुरू होकर सभी अल्पसंख्यक स्कूलों में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम (एनसीएफ) और नई शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के अनुसार पढ़ाई होगी। इससे बच्चों को बेहतर और एकसमान शिक्षा मिल सकेगी।

सीएम धामी ने जोर देकर कहा, “हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड का हर बच्चा, चाहे वह किसी भी समुदाय या वर्ग का हो, बराबर की शिक्षा और मौके पाकर आगे बढ़े।” यह कदम न सिर्फ शिक्षा को एकजुट करेगा, बल्कि सभी बच्चों के भविष्य को चमकाने में मददगार साबित होगा।

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इस फैसले से उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां मदरसा बोर्ड को बंद करके अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा और राज्य में एकता का संदेश भी मजबूत होगा। अब सवाल यह है कि अन्य राज्य भी इस मॉडल को अपनाएंगे या नहीं।

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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