Uttarkashi News: उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ विकासखंड में गमरी-उल्लण मोटर मार्ग पर फिर वही दिल दहला देने वाली तस्वीर दोहराई गई, जो पहाड़ी इलाकों की लंबे समय से चली आ रही बाधा बन चुकी है। सड़क निर्माण के अधूरे रहने के कारण ग्रामीणों को एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला को लकड़ी और कपड़ों से बनी डंडी-कंडी पर बिठाकर करीब तीन किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा करानी पड़ी।
डंडी-कंडी पर पैदल ले जाने को मजबूर ग्रामीण
मिली जानकारी के अनुसार गांव में महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई। गांव में किसी वाहन के पहुंचने का कोई रास्ता न होने के चलते स्थानीय लोगों ने तुरंत एक अस्थायी डंडी-कंडी तैयार की और उन्हें कंधों पर लादकर ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों से पैदल गुजरते हुए मुख्य सड़क तक पहुंचाया। वहां से उन्हें अन्य वाहन के माध्यम से नजदीकी अस्पताल भेजा गया।
स्थानीय निवासी इस स्थिति से तंग आ चुके हैं। ग्रामीणों का यह कोई नई बात नहीं है। पहले भी कई बीमार मरीजों और गर्भवती महिलाओं को इसी तरह डंडी-कंडी पर लादकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा है। अगर समय पर इलाज न मिले तो जान का जोखिम तो बढ़ ही जाता है।” गमरी से उल्लण तक की लगभग चार किलोमीटर लंबी इस सड़क की कटिंग लोक निर्माण विभाग ने वर्षों पहले कर दी थी, लेकिन निर्माण कार्य अधर में लटक गया। अब यह रास्ता पैदल चलने लायक भी नहीं बचा है, जहां बारिश या भूस्खलन के दौरान तो हालात और भी खराब हो जाते हैं।
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ग्रामीणों का कहना है कि इस समस्या को लेकर वे कई बार आंदोलन कर चुके हैं। अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई आज तक नहीं हुई। एक अन्य निवासी ने सवाल उठाया, “हमारी गुहार कौन सुनेगा? अगर ऐसी स्थिति में किसी मरीज की जान चली जाती है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा—विभाग, प्रशासन या सरकार?”