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UKSSSC EXAM LEAK: पेपर लीक को लेकर बड़ा खुलासा, महिला प्रोफेसर के पास सबसे पहले पहुंचा प्रश्न पत्र

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 22 September 2025, 7:01 am IST
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Ukssc papaer LEAK: पेपर लीक को लेकर बड़ा खुलासा, महिला प्रोफेसर के पास सबसे पहले पहुंचा प्रश्न पत्र

UKSSSC EXAM LEAK : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ग्रेजुएट लेवल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का दावा सामने आते ही हड़कंप मच गया। रविवार को 21 सितंबर को आयोजित इस परीक्षा के बाद सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र के स्क्रीनशॉट वायरल हो गए। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने इसे पेपर लीक बताते हुए आयोग पर सवाल उठाए। लेकिन पुलिस की जांच में अब एक नया मोड़ आया है। प्रारंभिक जांच में किसी बड़े गैंग की संलिप्तता न मिलने के बावजूद, पता चला है कि प्रश्न पत्र की फोटो सबसे पहले टिहरी की एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर के पास पहुंची थी।

आधे घंटे में लीक हुए पेपर

परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई, लेकिन लीक की कोई खबर तुरंत नहीं आई। दोपहर करीब 1:30 बजे सोशल मीडिया पर हलचल मच गई, जब कुछ प्रश्नों के स्क्रीनशॉट शेयर होने लगे। इनमें दावा किया गया कि ये फोटो सुबह 11:35 बजे ही आउट हो चुकी थीं। आयोग ने फौरन देहरादून के एसएसपी अजय सिंह को प्रार्थना पत्र सौंपा। एसएसपी के निर्देश पर एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई। शाम को एसएसपी और आयोग के अध्यक्ष ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी दी।

UKSSSC EXAM LEAK में सामने आया चौंकाने वाला सच

एसआईटी की शुरुआती जांच में किसी संगठित गिरोह या पेपर लीक माफिया की भूमिका नजर नहीं आई। बल्कि, पता चला कि परीक्षा केंद्र के एक व्यक्ति ने कुछ प्रश्नों की फोटो खींचकर बाहर भेजी थी। पुलिस ने संदिग्धों की पहचान कर ली है और उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना कर दी गई हैं।

खालिद ने भेजे से फोटो

सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के सोर्स की तलाश में पुलिस को बड़ा सुराग मिला। पता चला कि ये फोटो सबसे पहले टिहरी गढ़वाल की एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर के व्हाट्सएप पर आई थीं। महिला से पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि 2018 में जब वे ऋषिकेश नगर निगम में टैक्स इंस्पेक्टर थीं, तब उनकी मुलाकात हरिद्वार के खालिद मलिक से हुई थी। खालिद उस वक्त सीपीडब्लूडी में संविदा पर जूनियर इंजीनियर (जेई) के पद पर तैनात था और ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था।

यह भी पढ़ें – उत्तराखंड में UKSSSC परीक्षा का पेपर लीक, बॉबी पंवार हिरासत

रविवार सुबह खालिद ने ही अपने नंबर से महिला को प्रश्न पत्र की फोटो भेजी। साथ ही मैसेज किया कि वह एक मीटिंग में व्यस्त है। कुछ देर बाद खालिद की बहन बनकर एक युवती ने महिला से संपर्क किया। उसने परीक्षा से जुड़े सवालों के जवाब मांगे। महिला ने फोटो के आधार पर जवाब दिए और स्क्रीनशॉट अपने फोन पर सेव कर लिए। महिला ने बाद में आयोग को इसकी सूचना देने की कोशिश की, लेकिन बॉबी पंवार नाम की एक महिला ने उन्हें ऐसा न करने की सलाह दी। बॉबी ने खुद स्क्रीनशॉट मांगे, लेकिन पुलिस को बताने से रोका।

बॉबी पंवार भी जांच के दायरे में

एसएसपी अजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “बॉबी पंवार ने बिना किसी आधिकारिक जांच या पुष्टि के इन स्क्रीनशॉट्स को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इससे परीक्षा प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश हुई। कुछ अन्य लोगों ने भी इन्हें शेयर कर सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट किए।” उन्होंने आगे बताया कि रायपुर थाने में उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

महिला से पूछताछ के आधार पर खालिद मलिक और उसके संपर्क में रहे छात्रों की जांच चल रही है। पुलिस यह भी देख रही है कि कहीं ये सब परीक्षा व्यवस्था को सनसनीखेज बनाने की साजिश तो नहीं थी। एसएसपी ने कहा, “हम तथ्यों पर गहन जांच कर रहे हैं। परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और किसी भी गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

इस घटना से बेरोजगार युवाओं में गुस्सा भड़क गया है। संघ ने परीक्षा रद्द करने की मांग की है, लेकिन आयोग का कहना है कि लीक का दायरा सीमित था और पूरी परीक्षा प्रभावित नहीं हुई। फिलहाल, एसआईटी की जांच जारी है और जल्द ही आरोपी गिरफ्तार हो सकते हैं। यह मामला उत्तराखंड की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर रहा है, जहां पहले भी ऐसे विवाद हो चुके हैं। उम्मीद है कि जांच से सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को सजा मिलेगी।

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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