उत्तराखंड के गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी का मुद्दा अब राजनीतिक रंग ले चुका है। एक ओर उत्तराखंड बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार ने विधायक सुरेश सिंह चौहान पर भाई-भतीजावाद के गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं दूसरी ओर विधायक के समर्थकों ने इन्हें अफवाहें बताते हुए जोरदार खंडन किया है। मामला विधायक के भतीजे आकाश चौहान की नौकरी से जुड़ा है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। आइए, इस पूरे विवाद को दोनों पक्षों की दलीलों के साथ समझते हैं।
विधायक सुरेश चौहान भतीजे की नौकरी का मुद्दा
बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार, जो बेरोजगार युवाओं के हक के लिए लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं, ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर हंगामा मचा दिया। उनका दावा है कि विधायक सुरेश चौहान के भतीजे आकाश चौहान को जूनियर इंजीनियर (JE) की पोस्ट पर बिना किसी विज्ञापन, परीक्षा या इंटरव्यू के नौकरी दिलाई गई। पंवार ने कहा, “लाखों युवा नौकरी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन परिवार के सदस्य को 35,000 रुपये महीने की सैलरी वाली सरकारी नौकरी आसानी से मिल जाती है।
उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, “ऐसी हरकत करने वाले अधिकारियों पर जल्द कार्रवाई हो, वरना गंगोत्री के युवा विधायक के घर जाकर लेटर देकर नौकरी मांगने लगेंगे—जैसा उनके भतीजे ने किया।” पंवार ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर इस ‘अवैध नियुक्ति’ को रद्द करने की मांग भी की है। बेरोजगार संघ का कहना है कि इससे क्षेत्र के सैकड़ों योग्य युवा प्रभावित हुए हैं, और यह भ्रष्टाचार का खुला उदाहरण है।

विधायक समर्थकों का पलटवार: ‘झूठी अफवाहें, सच्चाई जल्द सामने आएगी
विधायक सुरेश चौहान की ओर से अभी कोई व्यक्तिगत बयान नहीं आया है, लेकिन उनके समर्थकों ने एक आधिकारिक बयान जारी कर आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। बयान में कहा गया कि बॉबी पंवार और उनकी टीम जानबूझकर भ्रामक जानकारी फैला रही है, ताकि विधायक की छवि खराब हो और खुद की राजनीतिक पहचान बने। स्पष्ट किया गया, “पंवार के पास विधायक द्वारा किसी सिफारिश का कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं है। आकाश चौहान की तैनाती पीआरडी के मानदेय नियमों के तहत हुई है, जहां उन्हें रोजाना सिर्फ 650 रुपये मिलते हैं—न कि 35,000 रुपये महीना।
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समर्थकों ने यह भी आरोप लगाया कि पंवार के पास आकाश की पे-स्लिप (वेतन पर्ची) उपलब्ध है, लेकिन उन्होंने इसे छिपाकर जनता को गुमराह किया। बयान में जोर देकर कहा, “यह तैनाती विधायक के संज्ञान में नहीं है। जल्द ही तथ्यों और प्रमाणों के साथ पूरी सच्चाई जनता के सामने रखी जाएगी।” उन्होंने जनता से अपील की कि अफवाहों पर भरोसा न करें और सिर्फ प्रमाणित जानकारी पर यकीन रखें।
यह मामला उत्तराखंड में बेरोजगारी की जड़ समस्या को फिर से उजागर कर रहा है। गंगोत्री जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में नौकरियां सीमित हैं, और हर साल हजारों युवा भर्तियों का इंतजार करते हैं। बॉबी पंवार, जो पहले भी बेरोजगार आंदोलनों के जरिए सुर्खियां बटोर चुके हैं, इस बार विधायक पर सीधा हमला बोल रहे हैं। वहीं, समर्थक इसे पूर्वाग्रहपूर्ण साजिश बता रहे हैं।