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eSIM में चलेंगे कई मोबाइल नंबर, जानिए क्या फायदे क्या नुकसान …

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 16 December 2024, 7:53 pm IST
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eSIM में चलेंगे कई मोबाइल नंबर, जानिए क्या फायदे क्या नुकसान …

आज के दौर में स्मार्टफोन लगातार ‌अपडेट हो रहे हैं। जो यूजर्स को काफी पसंद भी आ रहे। इन्ही फीचर में इक फीचर है eSIM, जो आने वाले दिनों में लगभग सभी मोबाइल फोन में देखने को मिलेगा। यहां तक कि APPLE ने अपने iPhone-14 सीरीज को eSIM के साथ लॉन्च किया है। इसका एक कायदा यह भी है कि फिजिकल सिम की तरह अलग से नहीं लगाया जाता और इसमें की मोबाइल नंबर और नेटवर्क सेव कर सकते हैं।

What is eSIM

अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर यह ई-सिम क्या है और यह कैसे कार्य करती है। तो बता दें कि ई-सिम फिजिकल सिम कार्ड का डिजिटल वजन है। हालांकि कम यह फिजिकल सिम की तरह करता है। हांलांकि यह फिजिकल सिम से काफी अलग होता है। इसका सारा प्रोसेस डिजिटल होता है। नेटवर्क सर्विस को इस्तेमाल करने के लिए eSIM के डेटा प्लान को Download और Install करना पड़ता है। यह एंबेड यानी बिल्ट-इन सिम होता है। जिसका फायदा यह है कि setting के जरिए यूजर्स नेटवर्क के बीच स्विच कर सकते हैं।

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HOW eSIM WORK

ई-सिम का प्रोसेस बिल्कुल नार्मल सिम की तरह होता है। आपको जिस टेलीकॉम की सर्विस लेनी है उसके लिए आपको टेलीकॉम प्रोवाइडर में साइन अप करना होगा। जिसके बाद अपने फोन में एक सिम प्रोफाइल डाउनलोड करनी होगी। इस प्रोफ़ाइल में आपके फोन नंबर के अलावा डेटा प्लान और दूसरी जानकारी होगी जो नेटवर्क से कनेक्ट होने के लिए आवश्यक होती है।

eSIM में चलेंगे कई मोबाइल नंबर

इस सिम की यह खूबी है कि इसमें यूजर अलग-अलग कई प्रोफाइल बन सकते हैं। यानि कि इक ही eSIM में अलग-अलग नंबर और नेटवर्क सेव कर सकते हैं और जरूरत के अनुसार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं जबकि फिजिकल सिम में यूजर को सिम पोर्ट करना पड़ता है। इसकी खास बात यह है कि यह सिम फोन में स्पेस भी कम लेता है और इससे डिवाइस की प्रोसेसिंग स्पीड पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता।

eSIM के नुकसान

वैसे तो यह सर्विस फायदेमंद है लेकिन इसमें भी कुछ खामियां भी है तो एक नजर इन कमियों पर भी डालते हैं।

  • यदि आपका स्मार्टफोन खराब होता है तो आज फिजिकल सिम को निकाल कर दूसरे फोन में लगा सकते हैं लेकिन eSIM को दूसरे फोन में इस्तेमाल करने का प्रोसेस थोड़ा मुश्किल है। जिसके लिए यूजर को क्लाउड से पूरे eSIM डेटा को डाउनलोड करना पड़ता है।
  • eSIM वाले डिवाइस को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। क्योंकि फिजिकल सिम को डिवाइस से अलग किया जा सकता है लेकिन यह सिम फोन में एंबेड होता है और यही वजह है कि इसे अलग नहीं किया जा सकता है।
  • अभी भारत में eSIM वाले स्मार्टफोन की इंट्री कम बजट में नहीं हुई है। अभी केवल APPLE, GOOGLE और SAMSUNG जैसी कंपनियों के महंगे डिवाइस में उपलब्ध है। इसलिए कम बजट में eSIM का उपयोगी करने के इच्छुक लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

About the Author
Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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