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धराली आपदा: 13वें दिन सर्च में मिला एक और शव, मरने वालों की संख्या 2 पहुंची

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 18 August 2025, 8:01 pm IST
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धराली आपदा: 13वें दिन सर्च में मिला एक और शव, मरने वालों की संख्या 2 पहुंची

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 5 अगस्त को धराली, खीर गंगा और तेलगाड़ क्षेत्र में आए विनाशकारी सैलाब के बाद लापता लोगों की तलाश में जुटी टीमों का अभियान सोमवार को 13वें दिन भी जारी रहा। हल्की बारिश के बावजूद सर्च ऑपरेशन में एक महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी, जब टीम को एक शव बरामद हुआ। यह शव सेना के एक जवान का बताया जा रहा है, जिसकी शिनाख्त की प्रक्रिया चल रही है। इस घटना के साथ आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर दो हो गई है, जबकि 67 लोग अभी भी लापता हैं।

अब तक धराली में दो शव बरामद

आपदा प्रभावित धराली क्षेत्र में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और सेना की संयुक्त टीमों ने सोमवार को भी पूरे जोर-शोर से सर्च जारी रखा। हर्षिल से करीब तीन किलोमीटर आगे झाला के पास मिले इस शव को तत्काल कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए हर्षिल भेजा गया। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं ने बताया कि शव को आगे जिला अस्पताल ले जाया जा रहा है, जहां उसकी पहचान सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने पुष्टि की कि धराली-हर्षिल आपदा में अब तक दो शव बरामद हो चुके हैं।

सर्च टीमों को मौसम की मार का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन हल्की बारिश ने अभियान को नहीं रोका। टीमों ने क्षेत्र को चार सेक्टरों में विभाजित कर तलाशी अभियान चलाया है, जिसमें दो सेक्टर एनडीआरएफ और दो एसडीआरएफ के जिम्मे हैं।

आधुनिक तकनीक का सहारा

एनडीआरएफ की टीम मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) का इस्तेमाल कर रही है। यह उन्नत उपकरण मलबे के नीचे करीब 40 मीटर तक दबे किसी भी तत्व का पता लगा सकता है, जिसमें इलेक्ट्रिकल डिटेक्टर वेब की मदद से संकेत प्राप्त होते हैं। एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट आरएस धपोला ने बताया कि जीपीआर से प्राप्त तस्वीरों से पता चला है कि धराली के आपदा प्रभावित इलाके में करीब 8 से 10 फीट नीचे होटल और लोग दबे हुए हैं। इन संकेतों के आधार पर चुनिंदा स्थानों पर खुदाई की जा रही है।

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कुछ दिन पहले इसी अभियान में दो खच्चरों और एक गाय के शव भी बरामद हुए थे, जो आपदा की भयावहता को दर्शाते हैं। अधिकारियों का कहना है कि जीपीआर जैसी तकनीक से सर्च की गति बढ़ी है, लेकिन मलबे की मोटी परत और लगातार मौसम की चुनौतियां काम को जटिल बना रही हैं।

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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