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सोने की कीमतें में 6.3% की गिरावट, 2013 के बाद सबसे बड़ा झटका

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 22 October 2025, 7:01 am IST
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सोने की कीमतें में 6.3% की गिरावट, 2013 के बाद सबसे बड़ा झटका

सोना हमेशा से ही निवेशकों का सबसे भरोसेमंद साथी माना जाता रहा है। लेकिन 21 अक्टूबर 2025 को ये ‘सुरक्षित हॉज’ अचानक डगमगा गया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें 6.3 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली, जो अप्रैल 2013 के बाद का सबसे बड़ा एक दिन का नुकसान है। प्रति औंस सोना $4,381 के रिकॉर्ड ऊंचाई से गिरकर $4,082 के स्तर पर पहुंच गया। ये गिरावट इतनी तेज थी कि चांदी भी 7-8 प्रतिशत तक नीचे आ गई। आखिर क्या हुआ जो सोने का ये ‘ब्लैक मंडे’ बन गया? आइए समझते हैं इसकी वजहें और असर।

आखिर क्यों लुढ़की सोने की कीमतें?

सोने की ये गिरावट रातोंरात नहीं हुई। पिछले कुछ महीनों में सोना आसमान छू रहा था। महंगाई की आशंका, वैश्विक अस्थिरता और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी ने इसे $4,000 के पार पहुंचा दिया था। लेकिन जैसा कि कहते हैं, ‘जितना ऊंचा चढ़ो, उतना ही जोरदार गिरो’। निवेशकों ने रिकॉर्ड ऊंचाई पर मुनाफा कमा लिया और बिकवाली शुरू कर दी। विशेषज्ञों का कहना है कि ये एक सामान्य ‘करेक्शन’ है, जो रैली के बाद आना लाजमी था।

एक बड़ी वजह मजबूत अमेरिकी डॉलर भी है। डॉलर इंडेक्स में 0.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी ने विदेशी निवेशकों के लिए सोने को महंगा बना दिया। अमेरिका-चीन के बीच व्यापार वार्ताओं पर सकारात्मक खबरें आने से बाजार में जोखिम लेने की भूख बढ़ गई। लोग स्टॉक और दूसरी संपत्तियों की ओर मुड़े, जिससे कीमती धातुओं पर दबाव पड़ा। इसके अलावा, ब्रॉड मार्केट सेलऑफ ने भी सोने को नहीं बख्शा। गोल्ड माइनर्स के शेयरों में भी भारी गिरावट आई, जो इस ट्रेंड की पुष्टि करती है।

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भारत जैसे देशों में सोने की मांग हमेशा मजबूत रहती है। यहां त्योहारों और शादियों का सीजन चल रहा है, लेकिन ये गिरावट निवेशकों के लिए झटका है। एमसीएक्स पर सोने के फ्यूचर्स भी 5 प्रतिशत से ज्यादा नीचे आए। चांदी, जो ज्वेलरी और इंडस्ट्री में ज्यादा इस्तेमाल होती है, उसकी कीमतें $30 प्रति औंस से गिरकर $27.50 पर पहुंच गईं। ये 2021 के बाद का सबसे बड़ा नुकसान है।

भारतीय बाजार पर क्या असर?

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता है। पिछले साल हमने 800 टन से ज्यादा सोना खरीदा था। लेकिन ये गिरावट छोटे निवेशकों को परेशान कर रही है। जिन्होंने हाल ही में सोना खरीदा था, उनके लिए ये नुकसानदेह साबित हो रहा। ज्वेलर्स का कहना है कि कीमतें गिरने से खरीदारी बढ़ सकती है, लेकिन अभी लोग सतर्क हैं। सर्राफा बाजार में हलचल मच गई है। दिल्ली के सदर बाजार में दुकानदारों का कहना है, “कीमतें स्थिर होने का इंतजार कर रहे हैं।”

विशेषज्ञों की राय में, ये गिरावट अस्थायी है। गोल्डमैन सैक्स जैसे एनालिस्ट्स का अनुमान है कि लंबे समय में सोना $4,500 तक पहुंच सकता है, क्योंकि वैश्विक अनिश्चितताएं बनी रहेंगी। लेकिन अल्पकालिक ट्रेडर्स को सलाह है कि सावधानी बरतें। अगर आप सोना खरीदने की सोच रहे हैं, तो ये गिरावट एक मौका हो सकती है, लेकिन हमेशा की तरह, रिसर्च जरूरी है।

2013 में दिखी था गिरावट

सोने की ये गिरावट हमें याद दिलाती है कि बाजार में कुछ भी स्थायी नहीं। 2013 में भी ऐसा ही झटका आया था, जब कीमतें 28 प्रतिशत लुढ़क गई थीं। लेकिन उसके बाद रिकवरी हुई। आज के दौर में, जियोपॉलिटिकल टेंशन, इन्फ्लेशन और सेंट्रल बैंक पॉलिसी सोने को फिर से चमका सकती हैं। फिलहाल, ट्रेडर्स डॉलर की मूवमेंट और फेड रेट कट्स पर नजर रखे हुए हैं।

अगर आप निवेशक हैं, तो पैनिक न करें। सोना अभी भी पोर्टफोलियो का मजबूत हिस्सा है। ये घटना बताती है कि बाजार उतार-चढ़ाव से भरा है, लेकिन सही समय पर सही फैसला लेना ही असली कमाई का राज है। क्या आप सोने में निवेश करेंगे या इंतजार? कमेंट में बताएं!

नोट – यह आर्टिकल बाजार की ताजा जानकारी पर आधारित है। निवेश से पहले विशेषज्ञ सलाह लें।

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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