Fire Crackers Ban in Delhi: दिवाली का त्योहार आते ही आसमान में रौनक बिखर जाती है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की दीवार हर साल खड़ी हो जाती है। क्या इस बार सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर पूरी तरह बैन लगाने का फैसला लिया है? नहीं, बल्कि कोर्ट ने हाल ही में एक उम्मीद की किरण दिखाई है। 10 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
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यह मामला दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर चल रही बहस का हिस्सा है। कोर्ट ने कहा कि पूरी तरह बैन लगाना न तो व्यावहारिक है और न ही सही। इसलिए, दिवाली, गुरुपुरब और क्रिसमस जैसे त्योहारों पर ग्रीन पटाखों को अनुमति देने पर विचार हो रहा है। एनसीआर के राज्यों ने सुझाव दिया कि पटाखे सिर्फ शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक ही फूटाए जा सकें। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कोर्ट में इस पर बहस की।
क्या दिल्ली में पटाखों पर बैन
पिछले सालों में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण कम करने के लिए पटाखों पर सख्ती बरती थी। सितंबर 2025 में कोर्ट ने ग्रीन पटाखों के बनाने की इजाजत दी, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में बिक्री पर रोक लगा दी। अब याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है, जो जल्द ही आ सकता है। ग्रीन पटाखे कम धुंए वाले होते हैं, जो पर्यावरण के लिए बेहतर हैं।
यह फैसला बच्चों और परिवारों के लिए खुशखबरी हो सकता है, क्योंकि त्योहारों पर पटाखों की चमक के बिना मजा अधूरा सा लगता है। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या यह कदम प्रदूषण को सच में रोक पाएगा? या फिर हमें और सख्त कदम उठाने होंगे? आपका क्या ख्याल है – दिवाली पर पटाखे फूटें या नहीं? कमेंट में अपनी राय शेयर करें।