Current Date

भारत सरकार की नई सख्ती: सिगरेट, शराब और गुटखा पर 40% GST, आपकी आदतें होंगी महंगी!

Authored by: Bhupendra Panwar
|
Published on: 17 August 2025, 8:18 pm IST
Advertisement
Subscribe
भारत सरकार की नई सख्ती: सिगरेट, शराब और गुटखा पर 40% GST, आपकी आदतें होंगी महंगी

भारत सरकार ने GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) ढांचे में बड़े बदलाव का प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत तंबाकू, पान मसाला, सिगरेट और जुआ जैसे ‘पाप माल’ (सिन गुड्स) पर 40% की ऊंची जीएसटी दर लगाने की योजना है। यह कदम जीएसटी को सरल बनाने और राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य और सामाजिक हितों को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है।

यह है नया प्रस्ताव

भारत सरकार जीएसटी की वर्तमान जटिल दरों (0%, 5%, 12%, 18%, 28%) को कम करके मुख्य रूप से दो स्लैब्स – 5% और 18% – में लाना चाहती है। हालांकि, सिगरेट, तंबाकू, पान मसाला और जुआ जैसी सेवाओं को विशेष 40% स्लैब में रखा जाएगा। वर्तमान में इन पर 28% जीएसटी के साथ अतिरिक्त क्षतिपूर्ति सेस (11% से 290% तक) लगता है, जो मार्च 2026 में खत्म होने वाला है। नई दर सेस की जगह लेगी और राजस्व में कमी को रोकेगी।

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना और कर चोरी पर लगाम लगाना है। इसके अलावा, तंबाकू और जुआ जैसे उत्पादों पर उच्च कर से उनका उपभोग कम होगा, जिससे स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओं में कमी आएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी तंबाकू पर भारी कर की वकालत करता है, क्योंकि यह कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण है।

उपभोक्ताओं और उद्योग पर पड़ेगा असर!

  • आम जनता: सिगरेट, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों की कीमतों में भारी वृद्धि होगी, जिससे खासकर निम्न और मध्यम वर्ग प्रभावित होगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इससे इन हानिकारक उत्पादों का उपभोग कम होगा।
  • उद्योग: तंबाकू और ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को झटका लग सकता है। विशेष रूप से ऑनलाइन गेमिंग, जो पहले से ही 28% जीएसटी का सामना कर रहा है, पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा।
  • सरकार: इस बदलाव से सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जिसे स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें – उत्तराखंड में खत्म होगा मदरसा बोर्ड खत्म, धामी सरकार लाएगी अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025

जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। यदि मंजूरी मिलती है, तो यह बदलाव 2026 से लागू हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ स्वस्थ समाज की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

About the Author
Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
अगला लेख