उत्तराखंड की निकिता और ब्रिजेश ने जीता सोना, बनाया ये इतिहास
पिथौरागढ़ की निकिता और ब्रिजेश ने मुक्केबाजी में सोना जीतकर राज्य और देश का नाम रोशन किया। उत्तराखंड मुक्केबाज इतिहास में यह पहली बार हुआ कि किसी जिले के दो मुक्केबाजों ने यूथ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता हो।
उत्तराखंड के युवाओं में हुनर की कमी नहीं है। राज्य के युवा खिलाड़ी मोंटेनेग्रो की राजधानी बुडवा में आयोजित यूथ विश्व कप में अपना हुनर दिखा रहे हैं। इससे पहले भी कई बार उत्तराखंड के युवक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों में अपना लोहा मनवा चुके हैं। इस बार यह युवा यूथ विश्व कप में बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार थे और इन खेलों में उत्तराखंड की निकिता और ब्रिजेश ने चमक बिखेरी और दोनों मुक्केबाजों ने सोना जीतकर राज्य और देश का नाम रोशन किया। उत्तराखंड मुक्केबाज इतिहास में यह पहली बार हुआ कि किसी जिले के दो मुक्केबाजों ने यूथ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता हो।
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बताते चलें कि यूथ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाले ब्रिजेश और निकिता उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के जगतड़ और बड़ालू गांव के निवासी हैं। ब्रिजेश ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में अज़रबैजान के अपने प्रतिद्वंद्वी नजारोव बिलालहाबासी और निकिता ने 60 किलोग्राम भार वर्ग में रूस की कोवलेंको लुइज को हराकर स्वर्ण पदक जीता ।
निकिता ने प्रदर्शन के दम पर बेस्ट बॉक्सर ( महिला ) का खिताब जीता। इससे पहले निकिता चंद जूनियर और यूथ वर्ग में तीन एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण जीत चुकी है। मुक्केबाजी में उत्तराखंड की इतिहास में यह पहली बार है जब किसी जिले के दो मुक्केबाजों ने यूथ विश्व कप में स्वर्ण जीता हो।