कहते हैं कि किसी कार्य को पूरा करने के लिए यदि मन से ठान लो तो आपको मंजिल तक पहुंचने के लिए कोई रोक नहीं सकता। ऐसी ही कुछ करके दिखाया बागेश्वर की ममता कार्की ने, जिन्होंने 42 वर्ष की आयु में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ( UKPSC ) की परीक्षा पास की।
बागेश्वर जिले की निवासी ममता कार्की की प्रारंभिक शिक्षा भारतीय बाल विद्या मंदिर हल्द्वानी से हुई तथा इंटरमीडिएट परीक्षा उन्होंने GGIC हल्द्वानी से पास की। जिसके बाद पंतनगर यूनिवर्सिटी से B tech और दिल्ली के टिहरी यूनिवर्सिटी से रिन्यूएबल एनर्जी में एमटेक किया। जिसके बाद वह 2005 में लोक सेवा आयोग से प्रोफेसर बनी थी और कई सालों तक इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाया था।
छोड़नी पड़ी नौकरी
ममता कार्की के पति जितेन्द्र कार्की BHEL हैदराबाद में पोस्टेड है और वर्तमान में ममता परिवार के साथ हैदराबाद में रह रही है। ममता का कहना है कि अक्सर महिलाओं के करियर में ऐसा वक्त आता है जब घर और करियर के बीच संतुलन बैठाना मुश्किल हो जाता है। जब उनके बच्चों को उनकी सख्त जरुरत थी तब बिना देरी उन्होंने नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया। हालाकि बच्चों की परवरिश के साथ उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी और कुछ नया करने का हौंसला हमेशा बनाए रखा।
पास की UKPSC परीक्षा
बच्चों के बड़े हो जाने के बाद बागेश्वर जनपद के कपकोट निवासी ममता कार्की ने दुबारा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी शुरू की और एक बार फिर राज्य की सेवा करने का संकल्प लिया। कहते हैं ना कि जब इरादे मजबूत हो तब कुछ भी असंभव नहीं रह जाता और अपने मजबूत इरादों की बदौलत ममता ने 42 वर्ष की आयु में UKPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की। यह उनका आखिरी मौका था जिसे भुनाने में उन्होंने सफलता हासिल कर ली।