उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने जल निगम दफ्तर में किया प्रदर्शन, 450 करोड़ के घोटाले का आरोप

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने जल जीवन मिशन के तहत पेयजल योजनाओं में 450 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले और जलापूर्ति की विफलता के विरोध में जल निगम के मुख्य कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने दोषी अधिकारियों की बर्खास्तगी और भ्रष्टाचार में लिप्त कंपनियों को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की। मोर्चा ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी न होने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा। इस दौरान सैकड़ों महिलाएं खाली बर्तनों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुईं और एसडीएम स्मिता परमार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया।
बाहरी ठेकेदारों से साठ-गांठ
मोर्चा के महासचिव और मूल निवास-भू-कानून संघर्ष समिति के संस्थापक मोहित डिमरी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी जल निगम कार्यालय पहुंचे। डिमरी ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन के तहत करोड़ों रुपये की लागत से बिछाई गई पाइपलाइनें और लगाए गए नल सूख चुके हैं। गांवों में पानी की भारी किल्लत है, लोग मीलों पैदल चलकर पानी लाने को मजबूर हैं, और कई गांव पानी की कमी के कारण उजड़ रहे हैं। उन्होंने जल जीवन मिशन को “नल कमीशन मिशन” करार देते हुए अधिकारियों पर ठेकेदारों और बाहरी कंपनियों से सांठगांठ का आरोप लगाया।
डिमरी ने बताया कि गढ़वाल मंडल में जल जीवन मिशन के तहत 800 करोड़ रुपये की लागत से 44 पेयजल योजनाओं का निर्माण चल रहा है, जिसमें से हरियाणा की कंपनी यूनिप्रो टेक्नो इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को 372 करोड़ रुपये के 17 प्रोजेक्ट सौंपे गए हैं। रुद्रप्रयाग और चमोली में इस कंपनी द्वारा बनाई जा रही योजनाओं में अनियमितताएं, धीमी प्रगति और अनुबंध शर्तों का उल्लंघन देखा गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश के बावजूद हल्द्वानी में 100 करोड़ की नई योजना का ठेका क्यों दिया जा रहा है।
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने लगाए आरोप
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के पश्चिमी देहरादून अध्यक्ष निरंजन चौहान ने सवाल उठाया कि क्या उत्तराखंड में स्थानीय ठेकेदार नहीं हैं, जो ये काम कर सकें। उन्होंने बताया कि नैनीताल में 46 करोड़ रुपये के सीवरेज और पेयजल प्रोजेक्ट यूपी की चार कंपनियों को दिए गए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता विकास रयाल ने कहा कि नरेन्द्रनगर में पानी का गंभीर संकट है, जबकि कागजों पर योजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
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उत्तरकाशी से आए विनोद सिंह ने बताया कि वहां विश्व बैंक के फंड से संगराली-पाटा और बौंगाडी पेयजल योजनाओं पर सात करोड़ रुपये खर्च हुए, फिर जल जीवन मिशन के तहत उसी योजना पर दोबारा सात करोड़ रुपये खर्च किए गए। जांच में अनियमितताएं पाए जाने पर अभियंताओं को 25 लाख रुपये की वसूली का नोटिस भी जारी हुआ।
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के संरक्षक पूर्व आईएएस एसएस पांगती और अन्य कार्यकर्ताओं ने कहा कि चमोली, टिहरी, पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा में भी जल जीवन मिशन में बड़े घोटाले सामने आए हैं। चमोली के थराली में सुनला पेयजल योजना की डेढ़ किमी पाइपलाइन गायब हो गई, जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर भ्रष्ट अभियंता के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।
प्रदर्शन में उमा पवार, लीला देवी, सुषमा रावत, मधु बिष्ट, कविता कंडारी, पिंकी बिष्ट, नीलम बिष्ट, मीरा पोखरियाल, आनंदी गोदियाल, अमिता कोटियाल, बीपी जुयाल, धनंजय बिष्ट, नरेंद्र पंत, नरेंद्र सिंह नेगी, रामशरण गोदियाल, तारा सिंह रावत, पृथ्वी रावत, रमेश भट्ट, श्याम सिंह पटवाल, विक्की पंवार, वीरेंद्र बिष्ट, कुशाल राणा, जगबीर नेगी सहित कई लोग शामिल थे।