उत्तराखंड सरकार ने पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाया, नए प्रशासकों की नियुक्ति

उत्तराखंड सरकार ने राज्य की त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था—ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत—का कार्यकाल आगामी पंचायत चुनावों अथवा 31 जुलाई 2025, जो भी पहले हो, तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय पंचायत चुनावों की प्रक्रिया में हुई अपरिहार्य देरी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस अवधि के दौरान पंचायतों के सुचारू संचालन के लिए नए प्रशासकों की नियुक्ति की जाएगी।

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पिछले महीने त्रिस्तरीय पंचायतों में तैनात प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। हालांकि, उस समय प्रशासकों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सका था। इस संबंध में पंचायती राज विभाग ने 9 जून 2025 को आदेश जारी कर पंचायतों में तैनात प्रशासकों के कार्यकाल को 31 जुलाई 2025 तक बढ़ा दिया है। आदेश के अनुसार, सरकार जुलाई 2025 में पंचायत चुनाव कराने की दिशा में कार्य कर रही है। तब तक, या 31 जुलाई 2025 तक, पंचायतों का संचालन प्रशासकों के माध्यम से किया जाएगा।

पिछले माह समाप्त हो गया कार्यकाल

वर्ष 2019 में हरिद्वार जिले को छोड़कर शेष 12 जिलों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बाद पंचायतों का गठन किया गया था। वर्ष 2024 में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, पंचायती राज विभाग ने पंचायतों को छह महीने के लिए प्रशासकों के हवाले कर दिया था। हालांकि, इस अवधि में चुनाव नहीं हो सके और प्रशासकों का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। ग्राम पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल 27 मई, क्षेत्र पंचायतों में 29 मई, और जिला पंचायतों में 1 जून को समाप्त हुआ था।

कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद न तो प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया गया और न ही चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो सकी। इस बीच, पंचायती राज विभाग ने 9 जून को पंचायतों को पुनः प्रशासकों के अधीन करने का निर्णय लिया। पंचायती राज सचिव चंद्रेश यादव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव कराना संभव नहीं हो सका।

उत्तराखंड में नए प्रशासकों की नियुक्ति

अतः जुलाई 2025 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (हरिद्वार जिले को छोड़कर) पूर्ण होने, नई पंचायतों के गठन, या 31 जुलाई 2025, जो भी पहले हो, तक पंचायतों का संचालन प्रशासनिक व्यवस्था के तहत किया जाएगा।

प्रशासनिक व्यवस्था के तहत संचालन

  • जिला पंचायत: संबंधित जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
  • क्षेत्र पंचायत: संबंधित उपजिलाधिकारी को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
  • ग्राम पंचायत: संबंधित विकास खंड में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को प्रशासक नियुक्त किया गया है।
  • यह व्यवस्था स्थानीय प्रशासन की निरंतरता और सुचारू कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई है।
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