Dehradun News: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में युवाओं की भीड़ ने ‘हमें चाहिए आजादी’ जैसे जोशीले नारे लगाए, जो JNU के पुराने प्रदर्शनों की याद दिला देते हैं। ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। लोग इसे देखकर सवाल उठा रहे हैं- क्या उत्तराखंड में बेरोजगारी का दर्द अब सड़कों पर उतर आया है?
आंदोलन के बीच देहरादून में लगे आजादी के नारे
सब कुछ शुरू हुआ UKSSSC (उत्तराखंड लोक सेवा आयोग) के पेपर लीक कांड से। बेरोजगार युवा संघ के बैनर तले परेड ग्राउंड में धरना चल रहा था। युवा नौकरियों के लिए सड़कों पर उतरे थे, लेकिन प्रदर्शन के बीच ‘आजादी’ के नारे गूंजने लगे। वीडियो में साफ दिख रहा है कि सैकड़ों युवा एक साथ चिल्ला रहे हैं- “हमें चाहिए आजादी!”
ये नारे सुनकर स्थानीय लोग हैरान रह गए। एक युवा ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “देहरादून में आजादी के नारे? ये तो JNU का स्टाइल लग रहा है!” वीडियो को अब तक लाखों व्यूज मिल चुके हैं। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ये तेजी से शेयर हो रहा है।
इस वीडियो के वायरल होते ही खुफिया विभाग हाई अलर्ट पर आ गया। सूत्रों के मुताबिक, ये नारे देश-विरोधी तत्वों की साजिश का हिस्सा हो सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत एक्शन लिया। पेपर लीक का मास्टरमाइंड खालिद को गिरफ्तार कर लिया गया। धामी ने कहा, “हम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस रखेंगे। युवाओं की आवाज सुनी जाएगी, लेकिन अराजकता बर्दाश्त नहीं।”
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युवाओं का गुस्सा: नौकरी या आजादी?
देहरादून के युवा बताते हैं कि सालों से नौकरियों का इंतजार कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम आजादी मांग रहे हैं- भ्रष्टाचार से आजादी, बेरोजगारी से आजादी।” ये नारे सोशल मीडिया पर बहस छेड़ रहे हैं। कुछ इसे सकारात्मक बदलाव बता रहे हैं, तो कुछ खतरनाक। उत्तराखंड में बेरोजगारी दर पहले से ही ऊंची है। पेपर लीक ने आग में घी डाल दिया। अब सरकार को न सिर्फ जांच तेज करनी होगी, बल्कि युवाओं को नौकरियां भी देनी होंगी। वरना, ये नारे और तेज गूंज सकते हैं।