August 20, 2025
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उत्तराखंड पंचायत चुनाव में भाजपा का दबदबा: 10 जिला पंचायत सीटें जीतीं, कांग्रेस को सिर्फ एक पर जीत

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का अंतिम चरण गुरुवार को संपन्न हुआ, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। राज्य के 12 जिलों में से 10 पर भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों ने जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस सिर्फ देहरादून सीट पर कब्जा जमाने में सफल रही। नैनीताल जिले में चुनावी हंगामे के कारण मतदान टाल दिया गया, जहां हाईकोर्ट ने 18 अगस्त को दोबारा चुनाव कराने के निर्देश जारी किए हैं।

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चुनाव प्रक्रिया के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ प्रमुख और कनिष्ठ प्रमुख के पदों के लिए मतदान और गणना हुई। पांच जिलों में भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए, जबकि शेष सात जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में मतदान हुआ। भाजपा ने टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चंपावत, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर में अपनी जीत दर्ज की।

कांग्रेस की ओर से देहरादून में सुखविंदर कौर ने 17 वोटों से जिला पंचायत अध्यक्ष पद जीता, जबकि उपाध्यक्ष पद पर अभिषेक सिंह (कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह के पुत्र) ने 18 वोट हासिल किए। भाजपा के विजयी प्रत्याशियों में चमोली से दौलत सिंह बिष्ट, पौड़ी गढ़वाल से रचना बुटोला, अल्मोड़ा से हेमा गैड़ा, रुद्रप्रयाग से पूनम कठैत और बागेश्वर से शोभा आर्य शामिल हैं। निर्विरोध जीतने वालों में टिहरी गढ़वाल से इशिता सजवाण, उत्तरकाशी से रमेश चौहान, चंपावत से आनंद सिंह अधिकारी, उधम सिंह नगर से अजय मौर्या और पिथौरागढ़ से जितेंद्र प्रसाद हैं।

नैनीताल में दोबारा होगा चुनाव

नैनीताल में चुनावी प्रक्रिया सुबह शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनके समर्थक जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण कर लिया। कांग्रेस का दावा था कि उनके पास 15 से अधिक सदस्यों का बहुमत है, लेकिन अपहरण की घटना के बाद मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचा। अदालत ने 18 अगस्त को दोबारा मतदान के आदेश दिए।

जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर विजेताओं को बधाई दी। वहीं, कांग्रेस ने नतीजों पर सवाल उठाते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, “ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत चुनावों में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला, लेकिन भाजपा ने आरक्षण और अन्य हथकंडों से कुछ सीटें हथिया लीं। रुद्रप्रयाग में हमारी जीत को हार घोषित किया गया, जबकि नैनीताल और द्वाराहाट में गोलीबारी जैसी घटनाएं लोकतंत्र की हत्या हैं।

रावत ने आगे दावा किया कि कांग्रेस ने अधिकांश जिला पंचायतों में भाजपा को कड़ी टक्कर दी और 14 क्षेत्र पंचायत सीटों पर सिर्फ एक-दो वोटों से हारी। उन्होंने कहा, “यह साबित करता है कि कांग्रेस ने क्षेत्रीय स्तर पर मजबूत प्रदर्शन किया है।”