उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों से एक ऐसी मिसाल सामने आई है, जो हर बच्चे को प्रेरित कर देगी। पौड़ी गढ़वाल जिले के कल्जीखाल विकासखंड में स्थित पट्टी असवालस्यूं के गांव भेटी की रहने वाली मात्र 11 साल की वंशिका शर्मा ने कराटे के मैदान में कमाल कर दिखाया है। जापान के चिबा शहर में अगस्त 2025 में हुई 8वीं कराटे-डो ग्लोबल चैंपियनशिप में वंशिका ने कुमीते कैटेगरी के 40 किलो वजन वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल हासिल किया। इस उपलब्धि से न सिर्फ पौड़ी जिला, बल्कि पूरा उत्तराखंड गर्व से चमक उठा है।
वंशिका ने जापान में जीता सिल्वर मेडल
वंशिका का सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगता। इस इंटरनेशनल टूर्नामेंट में उन्होंने पहले राउंड से ही धमाल मचा दिया। जापान, हंगरी और इंग्लैंड की दिग्गज खिलाड़ियों को हराकर वे फाइनल तक पहुंचीं। फाइनल में उनका सामना साउथ अफ्रीका की मजबूत दावेदार से हुआ। कड़ी मेहनत और हिम्मत के साथ लड़ी गई जंग में वंशिका दूसरे नंबर पर रहीं, लेकिन उनका जज्बा देखने लायक था। कोच और परिवार के मुताबिक, वंशिका ने घंटों की प्रैक्टिस से खुद को इस लेवल तक पहुंचाया है।
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बचपन से ही कराटे में रुचि रखने वाली वंशिका का ये पहला बड़ा इंटरनेशनल मुकाबला था, लेकिन उनका अनुभव पहले से ही कमाल का है। बताते चलें कि इससे पहले वे साउथ अफ्रीका का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। वहां काटा और कुमीते दोनों स्टाइल्स में उन्होंने कुल 14 मेडल्स जीते हैं। इतनी छोटी उम्र में इतनी बड़ी सफलताएं हासिल करना आसान नहीं होता। वंशिका के पिता और गांव वाले कहते हैं कि पहाड़ों की साफ हवा और कड़ी मेहनत ने उन्हें ये ताकत दी है।
उत्तराखंड सरकार और खेल विभाग ने भी वंशिका की इस उपलब्धि की सराहना की है। राज्य के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि ऐसे युवा खिलाड़ी उत्तराखंड का भविष्य हैं।
वंशिका की कहानी हर उस बच्चे के लिए मिसाल है, जो सपने देखता है लेकिन रास्ते मुश्किल लगते हैं। अगर पहाड़ी गांव की ये नन्ही लड़की जापान जैसे देश में नाम कमा सकती है, तो कोई भी हासिल कर सकता है। वंशिका अब अगले टूर्नामेंट्स की तैयारी में जुट गई हैं। उम्मीद है कि जल्द ही वो गोल्ड भी जीतेंगी। उत्तराखंड के लिए ये खुशखबरी है, जो बताती है कि यहां के बच्चे दुनिया को हरा सकते हैं।