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नवरात्रि 2025 कब से है? जानें पूरी डिटेल और महत्व

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 12 September 2025, 6:21 am IST
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नवरात्रि 2025 कब से है? जानें पूरी डिटेल और महत्व

अगर आप भी नवरात्रि के उत्साह में डूबने को तैयार हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। हर साल शरद ऋतु में आने वाला शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो मां दुर्गा की नौ रूपों की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस बार 2025 में नवरात्रि कब शुरू हो रही है? क्या होगा इसका शुभ मुहूर्त? और कैसे मनाएं यह पावन पर्व? आइए, सब कुछ स्टेप बाय स्टेप जानते हैं।

नवरात्रि 2025 कब है ?

हिंदू धर्म का पावन पर्व शारदीय नवरात्रि इस साल 2025 में 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। यह त्योहार 1 अक्टूबर तक चलेगा, यानी कुल 10 दिन का उत्सव होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि शुरू होती है। इस बार सप्तमी तिथि का विस्तार होने से एक अतिरिक्त दिन मिलेगा। 2 अक्टूबर को विजयादशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा।

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22 सितंबर को सुबह 6:09 से 8:06 बजे तक घटस्थापना का शुभ मुहूर्त है। भक्त इस समय मां दुर्गा की मूर्ति और कलश स्थापित करेंगे। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के अलग-अलग रूपों की पूजा होगी, जैसे शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा और सिद्धिदात्री। हर दिन का विशेष रंग भी है, जैसे पहले दिन लाल और अंतिम दिन बैंगनी।

क्यो मनाते हैं नवरात्रि

नवरात्रि का मतलब है ‘नौ रातें’। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथा के अनुसार, मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करने के लिए नौ दिनों तक तपस्या की और दसवें दिन विजय प्राप्त की। इसलिए, यह त्योहार शक्ति, भक्ति और नई शुरुआत का संदेश देता है।

नवरात्रि में क्या खा सकते हैं?

व्रत के दौरान नवरात्रि में भक्त साबूदाना खिचड़ी, कुट्टू की पूरी और फलाहार शामिल है। अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है। गुजरात में गरबा-डांडिया की धूम रहेगी, तो बंगाल में दुर्गा पूजा की रौनक होगी। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जो मां दुर्गा के महिषासुर वध की कथा से जुड़ा है।

नवरात्रि में पूजा कैसे करें ?

घर में नवरात्रि की सजावट और पूजा करना आसान है, लेकिन इसे पूरी श्रद्धा के साथ करें। सबसे पहले घटस्थापना के लिए मिट्टी के घड़े में जल भरें, उसमें सुपारी और दुर्वा डालें, और जौ बोकर उसके ऊपर कलश रखें। साथ ही मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें। रोजाना सुबह स्नान के बाद आरती करें, भजन गाएं, और मां को फल, फूल व अगरबत्ती चढ़ाएं। मंत्र जप के लिए “ऊं दुं दुर्गायै नमः” का उच्चारण करें।

व्रत रखने वाले फलाहार जैसे साबूदाना, कुट्टू का खाना, दूध या फल लें, और पूर्ण व्रत में केवल जल या फल ही लें। व्रत शाम को तोड़ा जा सकता है। अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करें, जिसमें 9 कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें, यह बहुत पुण्यकारी है। नवरात्रि के अंत में नवमी को हवन करें और दशहरे पर रावण दहन का हिस्सा बनें। पूजा स्थल को हमेशा साफ रखें, मोबाइल से दूरी बनाएं और पूजा में मन लगाएं।

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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