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रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर, 88 के पार पहुंचा रुपया

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 29 August 2025, 4:58 pm IST
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रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर, 88 के पार पहुंचा रुपया

हाल ही में भारतीय रुपये ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक नया रिकॉर्ड निम्न स्तर छू लिया है। भारत का विनिमय दर पहली बार 88 रुपये प्रति डॉलर के पार चला गया है, जो अब तक का अब तक सबसे कमजोर स्तर है। इस गिरावट का मुख्य कारण अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए उच्च शुल्क (टैरिफ) हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं।

अमेरिका ने भारत से आने वाली वस्तुओं पर 50% तक का टैरिफ लगा दिया है, जो पिछले कुछ समय में भारतीय निर्यात पर कड़ी मार है। इस टैरिफ के कारण भारत की शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों का बाहर निकलना बढ़ गया है और रुपये की मांग कम हो गई है। इस स्थिति में विदेशी मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग बढ़ने लगी है, जिससे रुपये की गिरावट और तेज़ हुई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह टैरिफ लंबी अवधि तक कायम रहते हैं तो इससे भारत की आर्थिक वृद्धि दर में कमी आ सकती है, जिससे व्यापार घाटा बढ़ेगा और मुद्रा और कमजोर हो सकती है।

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इस गिरावट के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बाजार में हस्तक्षेप करते हुए डॉलर बेचकर रुपये को सपोर्ट देने की कोशिश की है। हालांकि, विदेशी निवेश निकासी और अमेरिका के टैरिफ से दबाव बनी हुई है, जिसके कारण रुपये का दबाव बना हुआ है। अगस्त महीने में रुपये में लगातार गिरावट देखी गई है और यह चौथे महीने लगातार कमजोर होता जा रहा है।

विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी जारी रह सकती है क्योंकि अमेरिका द्वारा नए टैरिफ से निर्यात प्रभावित होगा और पूंजी प्रवाह कमजोर पड़ेंगे। इससे भारत की आर्थिक स्थिति पर दबाव बढ़ेगा और मुद्रा का और गिरना संभव है। सरकार निर्यात को बढ़ावा देने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए विभिन्न उपायों पर काम कर रही है, ताकि मुद्रा विनिमय दर को स्थिर किया जा सके।

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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