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7 सितंबर को भारत में दिखेगा चंद्रग्रहण, सुबह जल्दी निपटा लें ये जरूरी काम

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 28 August 2025, 7:11 am IST
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7 सितंबर को भारत में दिखेगा चंद्रग्रहण, सुबह जल्दी निपटा लें ये जरूरी काम

आगामी 7 सितंबर 2025 को भारत में एक शानदार खगोलीय घटना होने जा रही है। इस दिन पूर्ण चंद्रग्रहण (टोटल लूनर एक्लिप्स) दिखाई देगा, जिसे ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है। यह ग्रहण रात में शुरू होगा, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसके प्रभाव से बचने के लिए सुबह जल्दी कुछ जरूरी काम निपटा लेने की सलाह दी जा रही है। आइए जानते हैं इस चंद्रग्रहण की टाइमिंग, दृश्यता और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में।

भारत में चंद्रग्रहण का समय और दृश्यता

भारत में यह चंद्रग्रहण 7 सितंबर की शाम से 8 सितंबर की सुबह तक दिखाई देगा। इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (IST) के अनुसार समय इस प्रकार है

  • पेनुम्ब्रल ग्रहण शुरू: 7 सितंबर, शाम 8:58 बजे
  • आंशिक ग्रहण शुरू: 7 सितंबर, रात 9:57 बजे
  • पूर्ण ग्रहण शुरू: 7 सितंबर, रात 11:00 बजे
  • अधिकतम ग्रहण: 7 सितंबर, रात 11:41 बजे
  • पूर्ण ग्रहण समाप्त: 8 सितंबर, सुबह 12:22 बजे
  • आंशिक ग्रहण समाप्त: 8 सितंबर, सुबह 1:25 बजे
  • पेनुम्ब्रल ग्रहण समाप्त: 8 सितंबर, सुबह 2:25 बजे

यह ग्रहण भारत के सभी हिस्सों, जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु में स्पष्ट रूप से दिखेगा। कुल अवधि करीब 5 घंटे 27 मिनट होगी, जिसमें पूर्ण ग्रहण 1 घंटा 22 मिनट तक रहेगा। यह एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्सों में भी visible होगा।

चंद्रग्रहण का वैज्ञानिक महत्व

चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखता है, क्योंकि पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य की नीली रोशनी को बिखेर देता है और लाल रोशनी चंद्रमा तक पहुंचती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे नंगी आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित है। 2025 में यह दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण होगा।

धार्मिक मान्यताएं और सूतक काल

हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण को अशुभ माना जाता है और इसके साथ ‘सूतक काल’ जुड़ा होता है, जो ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शुरू होता है। इस ग्रहण के लिए सूतक काल का समय इस प्रकार है।

  • सामान्य लोगों के लिए सूतक शुरू: 7 सितंबर, दोपहर 12:19 बजे
  • बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों के लिए सूतक शुरू: 7 सितंबर, शाम 6:36 बजे
  • सूतक समाप्त: 8 सितंबर, सुबह 1:26 बजे

सूतक के दौरान खाना बनाना, खाना, पूजा करना, नई शुरुआत करना और मंदिर जाना वर्जित है। ग्रहण के बाद स्नान और शुद्धिकरण अनिवार्य माना जाता है।

सुबह जल्दी करें ये काम

ज्योतिषियों ने सलाह दी है कि सूतक शुरू होने (दोपहर 12:19 बजे) से पहले सुबह के समय निम्नलिखित काम निपटा लें:

  • भोजन तैयार करें और खाएं: दोपहर का भोजन सुबह 12 बजे से पहले कर लें। खाने में तुलसी के पत्ते डालें ताकि वह अशुद्ध न हो।
  • स्नान और पूजा: सुबह जल्दी स्नान करें और दैनिक पूजा पूरी कर लें। ग्रहण के बाद दोबारा स्नान करें।
  • जरूरी कार्य: दैनिक कार्य सुबह ही निपटा लें, क्योंकि सूतक में नए काम शुरू नहीं किए जाते।
  • मंत्र जाप: ग्रहण के दौरान ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ या ‘गायत्री मंत्र’ का जाप करें।

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सावधानियां

  • सूतक और ग्रहण के दौरान सोने, बाल या नाखून काटने और शारीरिक संबंध बनाने से बचें।
  • गर्भवती महिलाएं ग्रहण न देखें और घर के अंदर रहें।
  • यह ग्रहण पितृ पक्ष की शुरुआत के साथ मेल खाता है, इसलिए इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

खगोलीय नजारा देखने की तैयारी

खगोल प्रेमियों के लिए यह ‘ब्लड मून’ एक शानदार दृश्य होगा। इसे देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की जरूरत नहीं है, लेकिन खुले आसमान के नीचे साफ मौसम में इसे देखना बेहतर होगा। अधिक जानकारी के लिए स्थानीय खगोलीय केंद्रों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से संपर्क करें।

नोट- यह लेख सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। व्यक्तिगत सलाह के लिए ज्योतिषी या विशेषज्ञ से संपर्क करें।

About the Author
Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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