
उत्तराखंड के मोरी विकासखंड के सीमांत गांव लिवाड़ी में एक दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। 55 वर्षीय प्रतापी देवी, पत्नी कलगी रावत सुराल गाड़ नामक उफनती नदी को पार करते हुए तेज बहाव में बह गईं और हमेशा के लिए इस दुनिया से विदा हो गईं। इस हादसे ने न केवल उनके परिवार को गहरा सदमा दिया है, बल्कि गांव की वर्षों पुरानी मांग—एक पुल के निर्माण—को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।
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घटना उस समय हुई जब प्रतापी देवी दो अन्य महिलाओं के साथ अपने पशुओं को गडु गाड़ पार करवा रही थीं। अचानक उनका पैर फिसला और वे तेज धारा में गिर पड़ीं। देखते ही देखते वे लापता हो गईं, और अब तक उनका कोई पता नहीं चल सका है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, सुराल गाड़ में पुल न होने के कारण ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं, लेकिन प्रशासन की अनदेखी से समस्या जस की तस बनी हुई है।