उत्तरकाशी: सिल्क्यारा सुरंग परियोजना से 65 स्थानीय श्रमिकों ने लगाया बिना नोटिस नौकरी से निकालने का आरोप
यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग परियोजना में कार्यरत 65 स्थानीय श्रमिकों ने निर्माण कंपनी नव युगा पर बिना नोटिस दिए नौकरी से निकालने का गंभीर आरोप लगाया है। शनिवार को आक्रोशित श्रमिकों ने कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे सुरंग का निर्माण कार्य पूरी तरह ठप हो गया।
श्रमिकों का कहना है कि कंपनी ने उनकी जमीनों पर प्लांट स्थापित करने के लिए अधिग्रहण किया था और बदले में उन्हें सुरंग निर्माण में रोजगार देने का वादा किया गया था। श्रमिकों खुशपाल, विवेकचंद, दिनेश, आशीष, मानेंद्र और भूपेंद्र ने बताया कि 2 अगस्त को उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना या वार्ता के काम से हटा दिया गया। इसके जवाब में श्रमिकों ने कंपनी को उनकी जमीन खाली करने की चेतावनी दी है।
शनिवार को सिलक्यारा पहुंचे नवनिर्वाचित डुंडा ब्लाक प्रमुख राजदीप सिंह परमार ने श्रमिकों के आंदोलन को समर्थन देते हुए कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर और महाप्रबंधक से वार्ता की। उन्होंने श्रमिकों को काम पर वापस लेने की मांग की। कंपनी ने सोमवार तक इस मुद्दे पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।
65 श्रमिकों को निकालने का आरोप
ब्लाक प्रमुख परमार ने कहा, “आपदा के इस दौर में कंपनी ने 65 स्थानीय श्रमिकों के साथ-साथ उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा कर दिया है। ये वही श्रमिक हैं जिन्होंने 2023 में सुरंग में 41 मजदूरों के फंसने की घटना के दौरान भी कंपनी का साथ दिया था।” उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक श्रमिकों को काम पर वापस नहीं लिया जाता, वह उनके साथ खड़े रहेंगे।
श्रमिकों के धरने के कारण शनिवार सुबह 11 बजे के बाद से सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग का निर्माण कार्य और आवश्यक सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि विरोध के चलते कार्य पूरी तरह रुक गया है। श्रमिकों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा।