August 20, 2025
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उत्तराखंड: पौड़ी जिले में भारी बारिश और भूस्खलन ने मचाई तबाही: 5 मजदूर लापता, 2 महिलाओं की मौत

उत्तराखंड के पौड़ी जिले में भारी बारिश और भूस्खलन ने एक बार फिर प्रकृति के कहर को उजागर किया है। थलीसैंण विकासखंड के बांकुड़ा और बुरासी गांवों में हुई त्रासदी ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी है। बांकुड़ा गांव में बादल फटने से 5 नेपाली मजदूर और उनके परिजन लापता हो गए हैं, जबकि बुरासी गांव में भारी भूस्खलन के कारण दो महिलाओं की मलबे में दबने से मौत हो गई। इस आपदा ने कई घरों, गौशालाओं और मवेशियों को भी अपनी चपेट में ले लिया है।

5 मजदूर लापता

पौड़ी जिले के थलीसैंण तहसील के ग्राम बांकुड़ा में बादल फटने की घटना ने तबाही मचाई। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, गधेरे के समीप टेंट में रह रहे 5 नेपाली मजदूर और उनके परिजन तेज बहाव में बह गए। लापता लोगों की पहचान नरेंद्र बहादुर खटका (40 वर्ष), संध्या खटका (35 वर्ष, पत्नी नरेंद्र), रोमन खटका (18 माह, पुत्र नरेंद्र), अमृता परिहार (21 वर्ष, पत्नी राम बहादुर) और विमल (21 वर्ष) के रूप में हुई है।

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स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन भारी बारिश और खराब मौसम ने राहत कार्यों में बाधा डाली है। इसके साथ ही, घटना में चार लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें उदय गुरु (21 वर्ष), गोपाल थापा (19 वर्ष), कालीराम बहादुर (23 वर्ष) और लक्ष्मी देवी (21 वर्ष) शामिल हैं। कालीराम बहादुर और लक्ष्मी देवी को इलाज के लिए देघाट भेजा गया है।

भूस्खलन से दो महिलाओं की मौत

पौड़ी जिले के बुरासी गांव में भारी बारिश के बीच हुए भूस्खलन ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। मलबे की चपेट में आने से दो महिलाओं, बिमला देवी (पत्नी स्व. बलवंत सिंह भंडारी) और आशा देवी (पत्नी स्व. प्रेम सिंह नेगी) की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना में एक आवासीय भवन और गौशाला भी मलबे में दब गए, जिससे कई मवेशियों की जान चली गई। गांव में कोहराम मचा हुआ है, और ग्रामीण इस त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।

बगडियाल गांव में सड़क बंद

थलीसैंण तहसील के बगडियाल गांव में भी भूस्खलन ने कहर बरपाया है। गौशालाओं के समीप हुए बड़े भूस्खलन के कारण कई घरों के आंगन टूट गए हैं, और कुछ घर खतरे की जद में हैं। लिंगुड़िया मोटर मार्ग पूरी तरह बंद हो चुका है, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप है। प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और घास काटने या अन्य जरूरी कार्यों के लिए मौसम के अनुकूल समय का इंतजार करें।