
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली की त्रासदी के बीच एक चमत्कार हुआ है। बिहार के पश्चिम चंपारण के मगलहिया गांव के तीन मजदूर—राहुल कुमार मुखिया, मुन्ना मुखिया और रवि कुमार—जिन्हें परिवारवालों ने मृत मानकर अंतिम संस्कार तक कर दिया था, जीवित घर लौट आए।
दरअसल, 5 अगस्त को धराली में बादल फटने से हड़कंप मच गया था, लेकिन हादसे से तीन दिन पहले ही ये मजदूर हर्षिल से गंगोत्री काम के सिलसिले में चले गए थे। वहां मोबाइल नेटवर्क ठप हो जाने के कारण उनकी कोई खबर नहीं मिल पाई।
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सेना ने गंगोत्री से हेलीकॉप्टर द्वारा इन्हें चिन्याली पहुँचाया, फिर बस के जरिए हरिद्वार और वहां से सुरक्षित घर तक भेजा। रास्ते में सैनिकों ने भोजन-पानी की व्यवस्था भी की। गांव में इनके लौटने की खबर मिलते ही खुशी और आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हालांकि, गंगोत्री में गांव के करीब 15-20 मजदूर अब भी फंसे हुए हैं, जिनके अगले एक-दो दिनों में लौटने की उम्मीद है।