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रक्षा मंत्रालय की मीडिया को चेतावनी: रक्षा संचालन की लाइव कवरेज पर रोक, राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता

Authored by: Bhupendra Panwar
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Published on: 9 May 2025, 1:02 pm IST
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रक्षा मंत्रालय की मीडिया को चेतावनी: रक्षा संचालन की लाइव कवरेज पर रोक, राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता

भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तियों को एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। मंत्रालय ने रक्षा संचालन और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज या रीयल-टाइम रिपोर्टिंग से बचने की सख्त हिदायत दी है। इस तरह की संवेदनशील जानकारी का खुलासा सैन्य अभियानों की प्रभावशीलता को खतरे में डाल सकता है और जवानों की जान को जोखिम में डाल सकता है।

रक्षा संचालन की लाइव कवरेज पर रोक

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि अतीत में कई घटनाओं ने समय से पहले रिपोर्टिंग के खतरों को उजागर किया है। कारगिल युद्ध (1999), 26/11 मुंबई हमले (2008) और कंधार विमान अपहरण (1999) जैसे मामलों में मीडिया द्वारा की गई लाइव कवरेज ने राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित किया था। इन घटनाओं का हवाला देते हुए मंत्रालय ने मीडिया से संयम और जिम्मेदारी बरतने की अपील की है।

मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क्स (संशोधन) नियम, 2021 के खंड 6(1)(p) का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि आतंकवाद-रोधी अभियानों के दौरान केवल अधिकृत अधिकारियों द्वारा दी गई आवधिक ब्रीफिंग की ही अनुमति है। मंत्रालय ने सभी हितधारकों से इस नियम का सख्ती से पालन करने और राष्ट्रीय हित में उच्चतम मानकों को बनाए रखने का आग्रह किया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा सैन्य अभियानों को नुकसान पहुंचा सकता है और हमारे सुरक्षा बलों के जवानों की जान को खतरे में डाल सकता है। यह सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि ऐसी रिपोर्टिंग से बचा जाए जो चल रहे अभियानों की अखंडता को प्रभावित करे।” मंत्रालय ने यह भी चेतावनी दी कि नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है, खासकर अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के बाद। इस हमले के बाद सरकार ने मीडिया को रक्षा संचालन की लाइव कवरेज से बचने की सलाह दी थी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ऐसी कवरेज से दुश्मन ताकतों को फायदा हो सकता है, जिससे अभियानों की सफलता और जवानों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा सकता है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

रक्षा मंत्रालय के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ यूजर्स ने मंत्रालय के इस कदम का समर्थन किया और सुझाव दिया कि नियम तोड़ने वाले चैनलों का लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए। एक यूजर ने लिखा, “भारतीय जवानों की जान को खतरे में डालकर टीआरपी की दौड़ नहीं चलनी चाहिए।

वहीं, कुछ लोगों ने विशिष्ट न्यूज चैनलों जैसे आज तक, जी न्यूज और न्यूज 18 पर सैन्य गतिविधियों की कवरेज करने का आरोप लगाया और उनकी निंदा की।विशेषज्ञों की रायकई यूजर्स ने यह भी मांग की कि टीवी चैनलों पर सैन्य विशेषज्ञों और पूर्व सैनिकों को युद्ध रणनीतियों पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एक यूजर ने लिखा, “लाइव टीवी पर युद्ध की रणनीतियों पर चर्चा करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। इसे तुरंत बंद करना चाहिए।

सरकार का रुख

रक्षा मंत्रालय ने सभी हितधारकों से सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ काम करने की अपील की है। मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ा कोई हित नहीं है और सभी को इसके लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। इस बयान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्रालय, भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) को भी टैग किया गया है।

रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वह स्थिति पर नजर रख रहा है और जरूरत पड़ने पर और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि मीडिया को राष्ट्रीय हित में अपनी भूमिका को समझना होगा और संवेदनशील मामलों में सावधानी बरतनी होगी।

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Bhupendra Panwar
Bhupendra Singh Panwar is a dedicated journalist reporting on local news from Uttarakhand. With deep roots in the region, he provides timely, accurate, and trustworthy coverage of events impacting the people and communities of Uttarakhand. His work focuses on delivering verified news that meets high editorial standards and serves the public interest.
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