Chardham Yatra: सुचारू रूप से चल रही चारधाम यात्रा 2025, अफवाहों पर ना दे ध्यान

देहरादून, 12 मई 2025: उत्तराखंड की पावन भूमि में हर साल की तरह इस वर्ष भी चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। यह यात्रा, जो हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थानों – श्री केदारनाथ, श्री बदरीनाथ, श्री गंगोत्री और श्री यमुनोत्री – की यात्रा का प्रतीक है, देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। इस वर्ष चारधाम यात्रा 2025 को लेकर उत्तराखंड सरकार ने विशेष तैयारियां की हैं, ताकि यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए सुगम, सुरक्षित और अविस्मरणीय बन सके।

चारधाम यात्रा 2025: अब तक का सफर

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर चारधाम यात्रा 2025 की प्रगति के बारे में जानकारी साझा की। उनके अनुसार, अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उत्तराखंड के पर्यटन और सांस्कृतिक वैभव को भी प्रदर्शित करती है।

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मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा, “प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा को निर्बाध, सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। यात्रा मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित और यातायात हेतु खुले हुए हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने देश-विदेश से आने वाले सभी श्रद्धालुओं का देवभूमि उत्तराखंड में हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया है।

सरकार की तैयारियां: एक सुगम यात्रा का आधार

उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा 2025 को सफल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस वर्ष यात्रा की शुरुआत से पहले ही पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाया गया। मार्च 2025 से शुरू हुए पंजीकरण में पहली बार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध कराए गए।

हरिद्वार और ऋषिकेश में 20-20 ऑफलाइन काउंटर और देहरादून के विकासनगर में 15 काउंटर स्थापित किए गए। इसके साथ ही यात्रा शुरू होने से पहले 15 दिनों तक 24×7 ऑफलाइन पंजीकरण केंद्र भी संचालित किए गए।

यात्रा मार्गों पर सुरक्षा और स्वच्छता को प्राथमिकता दी गई है। खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने चारधाम यात्रा मार्गों पर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाया है। मोबाइल टेस्टिंग लैब के माध्यम से खाद्य सामग्री की जांच की जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन मिल सके। इसके अलावा, यात्रा के दौरान स्वास्थ्य निगरानी के लिए ‘ई-स्वास्थ्य धाम’ पोर्टल की मदद ली जा रही है, जो तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य मापदंडों पर नजर रखता है।

यात्रा मार्गों की स्थिति

उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की अनिश्चितता और प्राकृतिक चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने यात्रा मार्गों को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने पर विशेष ध्यान दिया है। पिछले वर्ष 2024 में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण यात्रा में कुछ व्यवधान देखने को मिले थे, लेकिन इस बार सरकार ने पहले से ही सभी आवश्यक इंतजाम कर लिए हैं। मुख्यमंत्री श्री धामी ने आश्वासन दिया कि सभी मार्ग यातायात के लिए खुले हैं और यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।

चारधाम यात्रा का महत्व

चारधाम यात्रा हिंदू धर्म में एक विशेष स्थान रखती है। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि प्रकृति की गोद में बसे इन पवित्र स्थानों की सुंदरता को भी अनुभव करने का अवसर देती है। श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री और श्री यमुनोत्री – ये चार धाम हिमालय की तलहटी में स्थित हैं और इन्हें भगवान विष्णु और शिव के पवित्र स्थानों के रूप में पूजा जाता है। हर साल अप्रैल-मई में शुरू होने वाली यह यात्रा नवंबर तक चलती है, जब इन मंदिरों के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं।

श्रद्धालुओं के लिए संदेश

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संदेश में सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस पवित्र यात्रा को एक सकारात्मक अनुभव के रूप में लें और उत्तराखंड की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करें। उन्होंने कहा, “देवभूमि उत्तराखंड में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है। हमारी सरकार आपकी सेवा और सुरक्षा के लिए पूरी तरह से समर्पित है।

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