नैनीताल जिले के कालाढूंगी क्षेत्र में गुरुवार सुबह एक बड़ा हंगामा मच गया। हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बैलपड़ाव चौकी क्षेत्र में दो पिकअप वाहनों को पकड़ लिया, जिनमें कथित रूप से गौमांस भरा हुआ था। संगठनों ने सनसनीखेज आरोप लगाया है कि बैलपड़ाव पुलिस और वन विभाग के कुछ कर्मियों ने रिश्वत लेकर इन वाहनों को छोड़ दिया। इस घटना के बाद स्थानीय स्तर पर तनाव फैल गया है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।
कालाढूंगी में गौमांस तस्करी
घटना सुबह के समय की बताई जा रही है, जब हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता गश्त पर थे। उन्होंने संदिग्ध पिकअप वाहनों को रोका और जांच की। आरोप है कि वाहनों के अंदर अवैध मांस की बड़ी मात्रा भरी हुई थी। कार्यकर्ताओं के मुताबिक, वाहन चालक और अन्य लोग भागने में सफल रहे, लेकिन एक युवक को मौके पर पकड़ लिया गया। संगठनों का दावा है कि उनके पास घटना के फोटो, वीडियो और अन्य सबूत मौजूद हैं।
हिंदूवादी संगठन के प्रमुख नेता मदन जोशी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “हमारे कार्यकर्ताओं ने आज सुबह दो पिकअप वाहन पकड़े, जिनमें मांस भरा हुआ था। बैलपड़ाव चौकी में पुलिसकर्मियों और फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों ने कथित रूप से पैसे लेकर इन गाड़ियों को छोड़ दिया। हमारे पास इस लेन-देन के स्क्रीनशॉट हैं और पकड़े गए युवक ने खुद कबूल किया है कि उसने पुलिस को पैसे दिए ताकि वाहन निकल सके। यह बेहद गंभीर मामला है। हम मांग करते हैं कि चौकी इंचार्ज को तत्काल निलंबित किया जाए और पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच हो। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हम बैलपड़ाव चौकी के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
पहले भी पकड़े गए वाहन
जोशी ने आगे बताया कि यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में ऐसी अवैध तस्करी की शिकायतें आई हैं। उनका आरोप है कि पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत से गौमांस की तस्करी फल-फूल रही है, जो स्थानीय हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है। संगठन ने जिला प्रशासन से अपील की है कि दोषी कर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
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उधर, रामनगर कोतवाली के कोतवाल सुशील कुमार ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पूरे प्रकरण की जांच चल रही है। जो भी व्यक्ति या अधिकारी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पकड़े गए युवक से पूछताछ की जा रही है और वाहनों के मालिकाना हक की भी जांच हो रही है। हम तथ्यों की पड़ताल कर रहे हैं और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्षेत्र में तनाव की स्थिति
स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर भारी नाराजगी है। वे सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पुलिस चौकी से मांस से लदे वाहन कैसे निकल गए? कई ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में गौ-रक्षा को लेकर पहले भी तनाव की स्थिति बनी रही है, लेकिन इस बार सबूतों के साथ आरोप लगने से मामला जिला स्तर पर तूल पकड़ चुका है। प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह जल्द से जल्द दोषियों पर कार्रवाई करे। फिलहाल, बैलपड़ाव चौकी पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।