बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ की वतन वापसी: भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक सकारात्मक कदम

लंबे समय के इंतजार और तनाव के बाद, भारत के बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को आखिरकार पाकिस्तान रेंजर्स ने भारत को सौंप दिया है। यह घटना भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक सकारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है।
भारत लौटे पूर्णम कुमार शॉ
जवान पूर्णम कुमार शॉ, जो 23 अप्रैल 2025 से पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में थे, आज सुबह 10:30 बजे अमृतसर के अटारी जॉइंट चेक पोस्ट के माध्यम से भारत लौटे। इस घटना ने न केवल उनके परिवार को राहत दी है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी देशभक्ति की भावना को हवा दी है।
घटना का विवरण
बीएसएफ की 182वीं बटालियन में तैनात जवान पूर्णम कुमार शॉ पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्यूटी कर रहे थे। 23 अप्रैल 2025 को वह गलती से सीमा पार कर गए थे, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था।
इस घटना के बाद बीएसएफ ने तुरंत उनकी रिहाई के लिए प्रयास शुरू किए। कई फ्लैग मीटिंग्स के बाद भी पाकिस्तान ने शुरू में उनकी रिहाई से इनकार कर दिया था, जिसके चलते सीमा पर तनाव बढ़ गया था।बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल दलबीर चौधरी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और केंद्रीय गृह सचिव को इसकी जानकारी दी।
बीएसएफ ने सभी सीमा इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा और पाकिस्तान रेंजर्स के साथ लगातार बातचीत की। आखिरकार, 14 मई 2025 को सुबह 10:30 बजे, पूर्णम कुमार शॉ को अटारी-वाघा बॉर्डर पर जॉइंट चेक पोस्ट के जरिए भारत को सौंप दिया गया। इस प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार पूरा किया गया।
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सोशल मीडिया पर देशभक्ति की लहर
जवान की वापसी की खबर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक सकारात्मक लहर पैदा की। पत्रकार आदित्य राज कौल ने इस खबर को सबसे पहले साझा करते हुए लिखा, “बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ, जो 23 अप्रैल 2025 से पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में थे, आज सुबह 10:30 बजे अमृतसर के अटारी जॉइंट चेक पोस्ट के माध्यम से भारत को सौंपे गए।” इस पोस्ट के बाद कई यूजर्स ने जवान की वापसी का स्वागत किया और बीएसएफ के प्रयासों की सराहना की।