Uttarakhand: आपदा ने धीमी की लोगों के जीवन की रफ्तार

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Uttarakhand: उत्तराखंड में जहां साल के ज्यादातर महीने शांतिपूर्ण तरीके से बीत जाते हैं। वहीं कुछ महीनों में प्राकृतिक आपदा के चलते लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। ऐसा ही कुछ इस वर्ष भी हुआ है। जिसमें आपदा में अबतक 1,531 मकानों को नुकसान पहुंचा है। वहीं 85 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। घरों के साथ साथ सड़कों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

दो महीनों में प्रकृति ने मचाया तांडव

उत्तराखंड(Uttarakhand)राज्य आपदा परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 15 जून के बाद राज्य में हो रही लगातार बारिश की वजह से 1,531 मकानों को नुकसान पहुंचा है। इनमे से 1,209 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। वहीं 237 मकानों को अधिक क्षति पहुंची है। 85 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए है।

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आपदा में कई लोगों की हुई मौत

टिहरी जिले में सबसे ज्यादा 66 मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए है। इस आपदा में जानमाल दोनों को हानि हुई है। अबतक पूरे राज्य में 62 लोग आपदा में अपनी जान गवां चुके है। वहीं 30 लोग घायल है। घरों, लोगों के साथ साथ इस आपदा का प्रभाव सड़कों पर भी पड़ा है। राज्य में 114 मार्ग बंद है,इन सभी मार्गो में एनएच, बार्डर रोड, राज्य मार्ग, जिला मार्ग से लेकर ग्रामीण मोटर मार्ग शामिल हैं।

ग्रामीण लोग सबसे ज्यादा प्रभावित 

पहाड़ों में आने वाली आपदाओं का सबसे ज्यादा प्रभाव ग्रामीण लोगों पर पड़ता है। भीषण बारिश और भूस्खलन के चलते सबसे ज्यादा ग्रामीण मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हुए है। पूरे राज्य में 98 ग्रामीण मोटर मार्ग एकदम बंद हैं। केदारनाथ में 31 जुलाई को आपदा आई थी जिसमें यूपी, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के 23 यात्री लापता हुए थे। अभी भी 20 लोग लापता है, जिनकी खोजबीन फिलहाल चल रही है।

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