लोकगीत व संगीत के साथ ही अपने सांस्कृतिक को प्रोत्साहित करने के लिए लंदन में गढ़रतन Narendra Negi को फोक सिंगिंग अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
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उत्तराखंड के लोकगीतों और लोक संस्कृति को नए आयाम देने वाले लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी हर वर्ग के पसंदीदा गायक रहे हैं। उनके गीतों को देखते सुनते कई पीढ़ियां बड़ी हुई और आज भी लोग इस चावल से उनके गीतों को सुना करते हैं। गढरतन नेगी दा वह शख्सियत है जो अपने गीतों के माध्यम से सत्ता परिवर्तन का माद्दा रखते हैं
उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक और गढ़रत्न नाम से प्रसिद्ध Narendra Negi को लंदन में डिस्टिंग्विश लीडरशिप इन इंडियन फोक सिंगिंग अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। रविवार को लंदन के हाउस आफ लॉर्ड्स (संसद) में आयोजित GBA ( ग्लोबल ब्रिलिएंस अवार्ड ) कार्यक्रम के दौरान यह सम्मान दिया गया।
28 जुलाई को किया गया सम्मानित
गढ़ रतन Narendra Negi 27 जुलाई को लंदन पहुंचे थे और भी बीते रविवार 28 जुलाई को भारतीय मूल के ब्रिटिश संसद लॉर्ड रामी रेंजर तथा जैक रैंकिंग ने उन्हें फोक सिंगिंग अवॉर्ड देकर सम्मानित किया। इस दौरान ब्रिटिश संसद में उनका मशहूर गीत ठंडो रे ठंडो गूंजा जिस पर वह मौजूद प्रवासी भारतीय जमकर झूमे। नेगी जी 31 जुलाई को देहरादून पहुंचेंगे।
Narendra Negi biography
नेगी दा का जन्म 12 अगस्त 1949 को उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल जनपद में हुआ। पौड़ी के बिखौत यानी बैशाखी के दिन बाजूबंद और झूमैला जैसे गीत गाए। पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने बड़े भाई से तबला सीखा और 1974 में अपना पहला गीत लिखा। इस 12 अगस्त को वह 75 साल के पूरे हो जाएंगे और इस उपलक्ष में देहरादून में उनके 101 गीतों के संग्रह पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी होगा।
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