हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में मंगलवार को उस समय हंगामा मच गया जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने विद्या परिषद की बैठक में छात्र संघ प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया। इस निर्णय से नाराज छात्रों ने कुलपति सचिवालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कुछ छात्र संघ पदाधिकारियों ने आत्मदाह का प्रयास किया, जिससे सचिवालय परिसर में आग लग गई।
छात्रों ने आरोप लगाया कि अब तक हर बार विद्या परिषद की बैठक में छात्रसंघ अध्यक्ष और महासचिव को आमंत्रित किया जाता रहा है, लेकिन इस बार उन्हें सूचना तक नहीं दी गई। जब पदाधिकारियों को बैठक की जानकारी मिली और वे पहुंचे, तब तक बैठक समाप्त हो चुकी थी। इसी के बाद छात्रों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर छात्रों की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
गढ़वाल विश्वविद्यालय में आत्मदाह का प्रयास
हंगामे के दौरान छात्रों और शिक्षकों के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई। कुछ छात्रों ने पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने की कोशिश की, जिससे सचिवालय के फर्श पर आगजनी की स्थिति बन गई। आग पर शिक्षकों और कर्मचारियों ने किसी तरह काबू पाया। इसी बीच पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभालने का प्रयास किया।
छात्रसंघ अध्यक्ष महिपाल बिष्ट और महासचिव अनिरुद्ध पुरोहित ने कहा कि छात्रों की कई महत्वपूर्ण मांगें लंबे समय से लंबित हैं। इनमें स्नातक स्तर पर सीयूईटी प्रवेश परीक्षा समाप्त करने, रिक्त सीटों पर विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (यूईटी) या मेरिट के आधार पर प्रवेश दिए जाने, पीएचडी प्रवेश में नेट की बाध्यता खत्म करने और पीएचडी फेलोशिप 8 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने की मांग प्रमुख हैं। छात्रों का कहना है कि विवि प्रशासन लगातार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रहा है।
विवाद बढ़ने पर उपजिलाधिकारी नूपुर वर्मा और सीओ श्रीनगर मौके पर पहुंचे और देर शाम तक कुलपति सचिवालय में छात्रों के साथ बैठक चली। छात्र नेताओं ने मांगों पर लिखित आश्वासन मिलने तक प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी दी। इस दौरान छात्रसंघ उपाध्यक्ष शिवांक नौटियाल, यू.आर. अनमोल ज़याड़ा, पूर्व अध्यक्ष जसवंत राणा, गौरव मोहन नेगी, पूर्व सचिव देवकांत देवराड़ी, रामप्रकाश, प्रियंका खत्री और अतुल सती समेत बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।
