उत्तराखंड को एक अलग राज्य बने हुए 22 साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक राज्य के कई गांव सड़क मार्ग से जुड़ने से वंचित हैं। ऐसा ही एक गांव है उत्तरकाशी जनपद का उलण बज्याड़ा गांव, जहां के ग्रामीण आज भी सड़क आने का इंतजार कर रहे। सड़क मार्ग नहीं होने की वजह से इलाज के अभाव में 6 लोगों की रास्ते में असमय मौत हो चुकी है। वहीं सड़क नहीं होने की वजह से पलायन तेजी से हो रहा, जिसकी वजह से दो प्राथमिक स्कूलों पर ताले लटक गए है।
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जनपद उत्तरकाशी के विकासखंड चिन्यालीसौड़ का उलण बज्याड़ा गांव धरासू बैंड से मात्र 15 किमी दूर है। गांव के सड़क से नहीं जुड़ा होने की वजह से ग्रामीण 5 किमी खड़ी चढ़ाई चढ़ने को मजबूर हैं। सड़क नहीं होने की वजह से गांव से लगे तोक कफाडी और मुडखिल में दो प्राथमिक स्कूल बंद हो चुके हैं। वहीं इलाज के लिए ग्रामीणों को 10 किमी दूर आयुर्वेद अस्पताल चमियारी जाना पड़ता है।
साल 2007-2008 में धरासू बैंड से उलण बज्याड़ा गांव के लिए स्वीकृत मिलने के बाद अलग -अलग समय पर चमियारी-पीपलखंडा और भार-चांदपुर तक सड़क निर्माण हुआ लेकिन उलण बज्याड़ा गांव में अभी तक सड़क नहीं पहुंच पाई। सड़क के अभाव में आपातकालीन स्थिति में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं सही समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से करीब 6 लोगों की असमय मृत्यु हो गई।
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