उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक बालिका मदरसे ने 13 वर्षीय सातवीं कक्षा की छात्रा से ‘वर्जिनिटी सर्टिफिकेट’ मांगकर पूरे समाज को झकझोर दिया है। इस शर्मनाक घटना के बाद पुलिस ने मदरसे के एडमिशन इंचार्ज शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि प्रिंसिपल रहनुमा फरार बताया जा रहा है। छात्रा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें मदरसा प्रबंधन पर चरित्र हनन और शिक्षा में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है।
घटना जामिया असनुल बनात गर्ल्स कॉलेज (मदरसा) से जुड़ी है, जो पकबड़ा क्षेत्र के लोधीपुर इलाके में स्थित है। छात्रा शमामा शर्मीन (काल्पनिक नाम, गोपनीयता के लिए) के पिता मोहम्मद यूसुफ चंडीगढ़ के निवासी हैं। उन्होंने अपनी बेटी को जनवरी 2024 में इस मदरसे में दाखिला दिलाया था। लेकिन जुलाई 2024 में पारिवारिक कारणों से (पत्नी हलीमा अपनी बीमार मां के पास इलाहाबाद गईं थीं) छात्रा को कुछ दिनों के लिए चंडीगढ़ बुला लिया गया। पत्नी के लौटने पर छात्रा को दोबारा मदरसे में पढ़ाने ले जाया गया, लेकिन प्रबंधन ने दाखिला देने से इनकार कर दिया।
छात्रा से मांगा वर्जिनिटी सर्टिफिकेट
मदरसा प्रबंधन ने दावा किया कि उन्हें एक फोन कॉल के जरिए जानकारी मिली थी कि यूसुफ ने अपनी बेटी के साथ ‘अनुचित व्यवहार’ किया है। इसके आधार पर उन्होंने छात्रा को आठवीं कक्षा में प्रमोट करने की शर्त पर ‘वर्जिनिटी सर्टिफिकेट’ (चिकित्सकीय प्रमाण-पत्र जो कुंवारी होने की पुष्टि करे) मांगा। जब परिवार ने इनकार किया, तो प्रबंधन ने छात्रा को निष्कासित करने की धमकी दी और उसके चरित्र पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की।
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पीड़ित परिवार ने टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) मांगा, तो मदरसे ने 500 रुपये शुल्क वसूला लेकिन दस्तावेज जारी करने में जानबूझकर देरी की। 21 अगस्त से लेकर अक्टूबर तक कई बार पत्नी मदरसे गईं, लेकिन टीसी नहीं मिली। इस दौरान मदरसे ने जनवरी से अगस्त तक की पूरी फीस वसूल ली, जबकि छात्रा ने केवल सात दिन ही पढ़ाई की। यूसुफ ने एक वीडियो बयान जारी कर कहा, “यह मानसिक उत्पीड़न है। मेरी बेटी रो-रोकर कह रही है कि अगर न्याय न मिला तो वह अपनी जान दे देगी।” परिवार ने आरोप लगाया कि मदरसा ने बिना किसी आधार के पिता-पुत्री के बीच ‘अनैतिक संबंध’ का झूठा इल्जाम लगाकर अपमानित किया।
मदरसा अधिकारी गिरफ्तार
14 अक्टूबर को यूसुफ ने पकबड़ा थाने में प्रिंसिपल रहनुमा, मौलवी और अन्य स्टाफ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने बताया, “शिकायत में छात्रा के चरित्र पर आपत्तिजनक टिप्पणियां, दाखिला न देने और टीसी में दबाव डालने का जिक्र है। जांच में आरोप सही पाए गए। शाहजहां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि अन्य आरोपी फरार हैं। जांच के आधार पर कानूनी धाराएं जोड़ी जाएंगी।” सर्कल ऑफिसर (हाईवे) राजेश कुमार ने कहा कि मामला गंभीर है और पीओसीएसओ एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है।
मदरसा शिक्षक मोहम्मद सलमान ने आरोपों को ‘बेबुनियाद और दुर्भावनापूर्ण’ बताते हुए कहा, “कभी किसी छात्रा से ऐसा प्रमाण-पत्र नहीं मांगा गया। सैकड़ों लड़कियां यहां सम्मान के साथ पढ़ती हैं।” लेकिन परिवार ने फीस स्लिप, टीसी फॉर्म और भुगतान रसीद जैसे सबूत पुलिस को सौंप दिए हैं।






