पहाड़ी इलाकों में जंगलों के पास बसे गांवों में इन दिनों गुलदारों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटों में गुलदार के दो अलग-अलग हमलों ने पौड़ी जिले में लोगों में दहशत फैला दी है। एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरी महिला गंभीर रूप से घायल है।
गुलदार के हमले से महिला की मौत
खिर्सू विकासखंड के कोटी गांव में गुरुवार को 65 वर्षीय गिन्नी देवी घास काटने जंगल गई थीं। इस दौरान अचानक एक गुलदार ने उन पर हमला कर दिया। हमले में गिन्नी देवी की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के वक्त गांव की अन्य महिलाएं भी पास में मौजूद थीं, लेकिन वे कुछ कर नहीं सकीं।
श्रीनगर–कोटद्वार राजमार्ग पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों की मांग है कि गुलदार को जल्द पकड़ा जाए और वन विभाग ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए।
ढांढरी गांव में महिला घायल
इसी दौरान पौड़ी ब्लॉक के डोभाल ढांढरी गांव में भी एक अन्य महिला पर गुलदार ने हमला किया। ग्रामीणों की मदद से घायल महिला को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। इन लगातार घटनाओं से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
लगातार बढ़ रही घटनाओं के बाद वन विभाग और प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे अकेले जंगल या सुनसान इलाकों में न जाएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें। विभाग की टीमें गुलदार को पकड़ने और सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की कार्रवाई कर रही हैं।
उत्तराखंड में गुलदारों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल राज्य में 48 गुलदार बचाव केंद्रों में रखे गए हैं और कई अन्य को पकड़ने का अभियान जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जंगली जानवरों के हमले से उनका जीवन असुरक्षित हो गया है।
ग्रामीणों ने राज्य सरकार और वन विभाग से मांग की है कि गांवों के आसपास प्रकाश व्यवस्था, पिंजरे और गश्त बढ़ाई जाए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
