एशिया कप का वो मैच जहां भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से पटखनी दी, वो सिर्फ स्कोरबोर्ड पर ही नहीं जीता। मैदान के बाहर भी भारतीय खिलाड़ियों ने अपना रुख साफ कर दिया। मैच खत्म होने के बाद पाकिस्तानी टीम ने हाथ मिलाने का इंतजार किया, लेकिन कोई भारतीय खिलाड़ी मैदान पर नहीं उतरा। पाकिस्तानी खिलाड़ी चुपचाप स्टेडियम से चले गए। ये नजारा देखकर फैंस का दिल गर्व से भर आया। ऊपर बैठे बड़े लोग चुप रहे, लेकिन खिलाड़ियों ने मैदान पर जो किया, वो पाकिस्तान को उनकी असली जगह दिखाने के लिए काफी था।
ये सब कुछ वैसा ही था जैसा फैंस उम्मीद कर रहे थे। भारत ने पहले ही गेंदबाजों की मेहनत से पाकिस्तान को 127 पर समेट दिया था। फिर बल्लेबाजों ने आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया। लेकिन असली कहानी तो मैच के बाद की थी। शाहीन अफरीदी, बाबर आजम जैसे पाकिस्तानी सितारे मैदान पर खड़े रहे, हाथ बढ़ाए इंतजार करते रहे। लेकिन सूर्या, कुलदीप,हार्दिक पंड्या कोई नहीं आया। भारतीय बेंच से सिर्फ तालियां बजीं, और वो भी जीत की खुशी में। पाकिस्तानी कप्तान ने बाद में कहा, “हमें उम्मीद थी, लेकिन शायद राजनीति मैदान तक आ गई।” लेकिन सच तो ये है कि खिलाड़ियों ने बिना बोले ही अपना संदेश दे दिया।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ। भारत-पाकिस्तान के मैचों में हमेशा से तनाव रहता है। 2019 वर्ल्ड कप में भी हाथ न मिलाने की बात हुई थी। लेकिन इस बार एशिया कप में, खासकर दुबई के इस हॉट माहौल में, ये कदम और मजबूत लगा।
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फैंस सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं “खिलाड़ी ही असली हीरो हैं, जो मैदान पर सबक सिखाते हैं।” एक यूजर ने ट्वीट किया, “पाकिस्तान को जीत से ज्यादा ये हार चुभेगी।” ऊपर वाले नेता चुप हैं, लेकिन नीचे मैदान पर खिलाड़ी अपना फर्ज निभा रहे हैं। कुलदीप यादव, जो मैन ऑफ द मैच बने, ने बाद में कहा, “हमारा फोकस सिर्फ क्रिकेट पर है, बाकी सब ऊपर वालों का काम।
ये घटना क्रिकेट को सिर्फ खेल नहीं, बल्कि देशभक्ति का प्रतीक बना देती है। पाकिस्तान को अपनी हरकतें सुधारनी है, और भारत को ये दिखाना है कि हम हर मोर्चे पर तैयार हैं। अगला मैच कौन सा? क्या फिर वैसा ही नजारा देखने को मिलेगा? आपकी राय क्या है, कमेंट्स में बताएं!






