उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर रामायण की कथा का सहारा लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। रावत ने BJP को ‘रावण की मानस पुत्र नहीं, बल्कि औरस पुत्र’ करार देते हुए कहा कि इनका ‘DNA रावणीय’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि BJP के पूर्वजों ने समाज को जातिवाद के आधार पर बांटा और आज भी यही काम जारी है।
हरदा ने आगे कहा, “अब तो ये लोग लोकतंत्र का भी अपहरण कर रहे हैं। लोकतंत्र रूपी सीता मां का अपहरण करने का प्रयास है यह SIR एक मिलीभगत वाला SIR।” यहां SIR से तात्पर्य चुनाव आयोग द्वारा कई राज्यों में चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) से है, जिसे कांग्रेस ‘मतदाता सूची से गैर-BJP समर्थकों के नाम हटाने की साजिश’ बता रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने दिल्ली में 14 दिसंबर को होने वाले कांग्रेस के प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए अपील की, “जो भी साथी दिल्ली में 14 दिसंबर को इसके खिलाफ आवाज बुलंद करने पहुंच रहे हैं, वे राम भक्त हैं, सीता भक्त हैं और लोकतंत्र भक्त हैं। कल उत्साहपूर्वक दिल्ली पहुंचिए और अलोकतांत्रिक तरीके से लागू की जा रही इस SIR के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त कीजिए।”
कांग्रेस इस मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन चला रही है और 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़ी रैली आयोजित कर रही है, जिसमें लाखों कार्यकर्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है। पार्टी का आरोप है कि SIR के जरिए दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
