Ankita Bhandari Case: उत्तराखंड का चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक ऑडियो और वीडियो क्लिप ने मामले में नए खुलासों का दावा किया है, जिसमें एक कथित ‘वीवीआईपी गट्टू’ का जिक्र है। इस क्लिप में भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक सुरेश राठौर और एक महिला (उर्मिला सनावर, जो खुद को उनकी पत्नी बताती हैं) के बीच बातचीत सुनाई दे रही है। विपक्षी कांग्रेस ने इसे आधार बनाकर राज्य की भाजपा सरकार पर सबूत छिपाने और मामले को दबाने का गंभीर आरोप लगाया है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड में VIP का नाम
अंकिता भंडारी, जो ऋषिकेश के वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थीं, की हत्या सितंबर 2022 में हुई थी। रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य (भाजपा के पूर्व नेता विनोद आर्य के बेटे) और उनके दो कर्मचारियों को मई 2025 में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मामला उस समय बड़ा विवाद बना जब आरोप लगा कि अंकिता पर ‘विशेष सेवा’ देने के लिए दबाव डाला गया था और मना करने पर उनकी हत्या कर दी गई। हालांकि, कोर्ट ने मुख्य आरोपियों को सजा दी, लेकिन ‘वीआईपी गेस्ट’ या ‘वीवीआईपी एंगल’ की गुत्थी अब तक नहीं सुलझी है।
हालिया वायरल क्लिप में उर्मिला सनावर दावा कर रही हैं कि उनके पास एक रिकॉर्डिंग है जिसमें हत्याकांड का पूरा जिक्र है। वे एक ‘गट्टू’ नाम के वीवीआईपी व्यक्ति का हवाला दे रही हैं, जिसके इशारे पर कथित तौर पर हत्या हुई। यह क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद उत्तराखंड की सियासत में भूचाल ला दिया है। सुरेश राठौर और उर्मिला के बीच व्यक्तिगत विवाद की पृष्ठभूमि में यह क्लिप सामने आई है, लेकिन इसमें अंकिता मामले का सीधा जिक्र होने से यह राजनीतिक मुद्दा बन गया।
कांग्रेस ने लगाए आरोपियों को बचाने के आरोप
कांग्रेस ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने दिल्ली में पत्रकारों को क्लिप सुनाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाया है। उन्होंने हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की और चेतावनी दी कि अगर मांग नहीं मानी गई तो राज्य में आंदोलन तेज किया जाएगा। कांग्रेस नेत्री गरिमा दसौनी ने भी एसआईटी जांच की पुरानी मांग दोहराई।
दूसरी ओर, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह क्लिप व्यक्तिगत विवाद का हिस्सा है और इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। सरकार का दावा है कि मामले में न्याय हो चुका है और मुख्य आरोपियों को सजा मिली है।
अंकिता के परिवार ने भी पहले ‘वीआईपी एंगल’ की जांच की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस नए वायरल ऑडियो ने पुराने घावों को फिर से कुरेद दिया है और उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा तथा राजनीतिक हस्तक्षेप के मुद्दे पर बहस छिड़ गई है।
