उत्तराखंड: 7 किमी दूर डोली के सहारे बीमार महिला को पहुंचाया अस्पताल
भले ही उत्तराखंड सरकार स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं को लेकर हमेशा दावे करती है लेकिन दूसरी ओर आज भी उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। अलग राज्य बनने के दो दशक बाद भी सड़क नहीं होने की वजह से मरीजों को डोली या ड़ाडी-कांडी के सहारे अस्पताल पहुंचाया जाता है। इस मामले में ना सरकार और ना ही अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। आए दिन सोशल मीडिया पर इस तरह की वीडियो वायरल होती रहती है। ऐसी ही एक तस्वीर उस जनपद से सामने आ रही जिस जनपद ने सूबे में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री दिए हैं। जी हां पौड़ी गढ़वाल के थलीसैंण में ग्रामीणों ने 7 किमी दूर डोली के सहारे बीमार महिला को सड़क तक पहुंचाया और फिर वहां से अस्पताल भेजा गया।
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बताते चलें कि लगभग एक सप्ताह पूर्व पौड़ी गढ़वाल जिले के थलीसैंण ब्लॉक के जैंती डांग गांव में बादल फटने से कई घरों में मलबा घुस गया था और इसके साथ ही सड़क और रास्ते भी तबाह हो गए। ग्रामीण अपने घरों से मलबा निकालने में जुटे थे कि इसी दौरान बसंती देवी की तबीयत बिगड़ गई सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त होने की वजह से ग्रामीणों के सामने महिला को अस्पताल पहुंचाने की समस्या खड़ी हो गई थी। जिसके बाद बीमार महिला को मुख्य सड़क तक पहुंचाने के लिए ग्रामीण ने डोली का सहारा लिया और बीमार महिला को डोली के सहारे 7 किमी चलकर मुख्य मार्ग तक लाए और फिर वहां से वाहन में बिठाकर अस्पताल ले गए।