अल्मोड़ा के गांवों में 15 दिनों से पानी का अकाल, जल जीवन मिशन योजना भी फेल
अल्मोड़ा जिले के स्याली, फड़का, सिमकुकुड़ी, देवली और धारम गांवों के 1000 से अधिक परिवारों को पिछले 15 दिनों से पीने का पानी नसीब नहीं हुआ है। हालात इतने गंभीर हैं कि लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई जल जीवन मिशन योजना भी यहां कारगर साबित नहीं हो पाई है।
अल्मोड़ा में पानी की समस्या
जनपद अल्मोड़ा के इन गांवों के लिए जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी की नई लाइनें बिछाने का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन कार्यदायी संस्था ने कुछ दिनों के काम के बाद इसे बीच में ही छोड़ दिया। गांव के निवासी मुकेश लटवाल का कहना है कि पिछले 15 दिनों से उनके गांव में पुरानी योजना से भी एक बूंद पानी नहीं आया है। पुरानी पाइपलाइनें जगह-जगह से टूटी हुई हैं, और ग्रामीण इन्हें जोड़ने की असफल कोशिशें कर रहे हैं।
सीएम पोर्टल से नहीं मिली मदद
आम जनता को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी योजनाओं पर भरोसा दिलाने वाला मुख्यमंत्री पोर्टल भी अब मात्र एक औपचारिकता बनकर रह गया है। ग्रामीणों ने सीएम पोर्टल पर शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला। सवाल उठता है कि जब पोर्टल पर की गई शिकायतें सुनवाई के लायक भी नहीं समझी जा रही हैं, तो ऐसी योजनाओं का क्या औचित्य रह जाता है?
इन गांवों को पातालदेवी पेयजल योजना से जल आपूर्ति की जाती थी, लेकिन योजना पुरानी होने के कारण उसकी पाइपलाइनें जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। ग्रामीण इन्हें जैसे-तैसे जोड़कर पानी की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह प्रयास भी अब असफल हो रहा है क्योंकि क्षतिग्रस्त पाइपलाइनें अब किसी भी मरम्मत की स्थिति में नहीं हैं।
जल जीवन मिशन योजना फेल
सल्ट विकासखंड में जल जीवन मिशन योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइनों में लीकेज की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। ग्रामीण किसी तरह पॉलीथिन और कपड़ों की मदद से इन लीकेज को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह अस्थायी उपाय काम नहीं कर रहा है।
अधिशासी अभियंता अरुण कुमार सोनी का कहना है कि हाल की बारिश ने कई पेयजल योजनाओं को नुकसान पहुंचाया है और उनकी मरम्मत का कार्य जारी है। हालांकि, सवाल यह है कि इन योजनाओं की गुणवत्ता और रखरखाव पर इतनी बड़ी चूक क्यों हो रही है, और इसका खामियाजा जनता को क्यों भुगतना पड़ रहा है?
सरकार की जल जीवन मिशन योजना और सीएम पोर्टल जैसी पहले तभी सफल हो सकती हैं, जब इनकी क्रियान्वयन क्षमता मजबूत हो। अगर शिकायतों का समाधान नहीं होता और अधूरे कामों के कारण जनता को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है, तो ये योजनाएं मात्र चुनावी वादों तक ही सीमित रह जाएंगी।