अलग राज्य बनने के 23 साल बीत जाने के बाद भी चंपावत जनपद के सील गांव के ग्रामीण सड़क के लिए संघर्ष कर रहे हैं पर सुनने को कोई तैयार नहीं है। जिसकी वजह से ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामान पड़ रहा है। शनिवार को गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा होने पर ग्रामीणों ने डोली पर बिठाकर 8 किलोमीटर पैदल चल सड़क तक पहुंचाया। जहां से 108 आपातकालीन वाहन के जरिए लोहाघाट उपजिला अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ने पर एंबुलेंस में ही प्रसव कराना पड़ा। इसके बाद जच्चा-बच्चा को उपजिला अस्पताल लोहाघाट भर्ती कराया गया।
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दरअसल शनिवार को चंपावत जनपद के विकासखंड बाराकोट के सील गांव निवासी कमली देवी पत्नी गोविंद सिंह को प्रसव पीड़ा हुई। सड़क मार्ग से गांव का नहीं जुड़े होने की वजह से पहली समस्या गर्भवती को मुख्य सड़क तक पहुंचाने की थी जिसके लिए परिजनों ने ग्रामीणों को इकट्ठा किया ग्रामीण खड़ी चढ़ाई व खतरनाक रास्तों को पार कर कमला देवी को डोली के सहारे 8 किलोमीटर पैदल चल पातल तक लाए। जिसमें ग्रामीणों को करीब 2-3 घंटे का समय लगा।
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