Devprayag News: उत्तराखंड के टिहरी जिले के देवप्रयाग में पानी की लंबे समय से चली आ रही समस्या ने आज एक नया मोड़ ले लिया। स्थानीय जल निगम कार्यालय के बाहर सांकेतिक धरने के दौरान जिला पंचायत सदस्य पुष्पा रावत और देवप्रयाग तहसीलदार के बीच जमकर नोकझोंक हो गई। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार के खिलाफ “मुर्दाबाद” के नारे लगाए, जबकि रावत ने तहसीलदार को धमकी देते हुए कहा, “सारी तहसीलदार गिरी निकाल दूंगी।
जिला पंचायत सदस्य और तहसीलदार के बीच नोंक-झोंक
पानी की कमी से जूझ रही जनता की परेशानी को लेकर जिला पंचायत सदस्य पुष्पा रावत सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने आज जल निगम कार्यालय में सांकेतिक धरना दिया। प्रदर्शन का मुख्य मुद्दा देवप्रयाग क्षेत्र में अनियमित जल आपूर्ति और स्थानीय प्रशासन की उदासीनता था। रावत ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में लोग महीनों से पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।
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धरने के दौरान तनाव तब चरम पर पहुंच गया जब तहसीलदार ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की। इससे भड़क उठीं रावत ने तहसीलदार पर सीधा हमला बोला और उनकी “तहसीलदार गिरी” पर सवाल उठाते हुए कड़ी चेतावनी दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नोकझोंक इतनी तीखी हो गई कि वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार के खिलाफ नारेबाजी की और जल निगम अधिकारियों से तत्काल समाधान की मांग की।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि देवप्रयाग में पानी की समस्या पिछले कई महीनों से बनी हुई है। गर्मियों में तो हालात और भी खराब हो जाते हैं, जब नल सूख जाते हैं और लोग दूर-दूर तक पानी के स्रोतों की तलाश में भटकते हैं। जिला पंचायत सदस्य रावत ने कहा, “हमारी मांग है कि जल निगम जल्द से जल्द पाइपलाइन मरम्मत करे और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करे। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज होगा।”






