गजबे है: पंजाब और हरियाणा के युवकों की उत्तराखंड में नियुक्ति, उठ रहे सवाल
उत्तराखंड के युवा सरकारी नौकरी की तैयारी में अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं लेकिन नौकरी दूसरे राज्यों के युवाओं को मिल रही। जी हां हाल में ही डाक विभाग में ब्रांच पोस्ट मास्टर और असिस्टेंट ब्रांच पोस्ट मास्टर के पदों पर भर्ती चल रही थी जिनमें उत्तराखंड में 157 पदों पर हरियाणा और पंजाब के युवकों की नियुक्ति की गई।
केवल तीन युवक चयनित
उत्तराखंड के लिए डाक विभाग द्वारा बीपीएम और एबीपीएम के 160 पदों पर भर्ती प्रक्रिया निकाली थी। भर्ती प्रक्रिया संपन्न होने के बाद पता चला कि 160 पदों में से 157 पदों पर हरियाणा और पंजाब के युवकों को नियुक्ति मिली और केवल तीन सीटों पर उत्तराखंड के अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई है और वह भी सब आरक्षित वर्ग के पदों पर हुई।
प्रतिशत निकालने में फेल
सोचने वाली बात यह है कि डाक विभाग द्वारा निकाली गई इस नियुक्ति में मेरिट के आधार पर चयन होता है और उत्तराखंड में नियुक्ति हुए हरियाणा और पंजाब के अधिकांश अभ्यर्थियों ने 99 प्रतिशत से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण की है लेकिन उनमें से अधिकतर युवकों को प्रतिशत निकालना भी नहीं आ रहा और कुछ अभ्यर्थियों को तो पत्र लिखना भी नहीं आ रहा।
कैसे संभालेंगे पहाड़ी क्षेत्र
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अधिकांश युवक हिंदी भी सही ढंग से नहीं बोल पा रहे ऐसे में उन्हें स्थानीय भाषा की समझ भी नहीं होगी तो फिर सवाल यह उठता है कि आखिर यह लोग उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों को कैसे संभाल पाएंगे।
उठ रहे सवाल
यह मामला सोशल मीडिया पर सामने आया तो यही सवाल उठने लगे कि एक ऐसी नौकरी है जिसमें स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित करना होता है लेकिन इसे अखिल भारतीय भर्ती बना दिया, वो भी सिर्फ मेरिट के आधार पर और इनको प्रतिशत निकालना भी नहीं आ रहा।