उत्तराखंड के गंगोत्री हाईवे पर डबरानी के समीप चल रहे सड़क निर्माण कार्य के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें हर्षिल घाटी के दो युवकों की मलबे में दबने से मौत हो गई। यह घटना मंगलवार को हुई, जब बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) की टीम सड़क को दुरुस्त करने के लिए पहाड़ी कटान का कार्य कर रही थी। स्थानीय लोगों ने इस हादसे के लिए प्रशासन और BRO की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे इलाके में आक्रोश फैल गया है।
दो युवकों की मलबे में दबने से मौत
घटना की जानकारी के अनुसार, मंगलवार दोपहर डबरानी के पास BRO की ओर से सड़क सुधार कार्य चल रहा था। इसी दौरान सुक्की की ओर जा रहे चार-पांच युवक निर्माण वाले क्षेत्र से पैदल गुजरने की कोशिश कर रहे थे। कुछ युवक तो सुरक्षित निकल गए, लेकिन जैसे ही अरुण और मनीष नाम के दो युवक उस क्षेत्र से गुजरने लगे, तभी अचानक पहाड़ी से मलबा गिर पड़ा। दोनों युवक इस मलबे की चपेट में आकर दब गए।
सूचना मिलते ही पुलिस, राजस्व विभाग और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को मलबे से बाहर निकाला। दुर्भाग्यवश, मनीष की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अरुण की सांसें अभी चल रही थीं। उसे तुरंत एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंगनानी के समीप रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। दोनों युवक हर्षिल घाटी के निवासी थे और उनके परिवारों में इस हादसे से कोहराम मच गया है।
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स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह हादसा BRO की कार्यप्रणाली में खामियों के कारण हुआ। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “निर्माण कार्य के दौरान कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए गए थे। न तो कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया था और न ही पैदल यात्रियों को रोका गया। अगर प्रशासन और BRO ने सावधानी बरती होती, तो यह जानलेवा हादसा टाला जा सकता था।” हर्षिल घाटी के लोगों ने BRO पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहाड़ी इलाकों में ऐसे कार्यों के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जाता, जिससे आम लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है।